रिलायंस ने की मुरली मनोहर जोशी से शिकायत
आरआईएल समूह के अध्यक्ष वी. बालसुब्रह्मण्यम ने जोशी को लिखा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने हमें अपनी मसौदा रपट में अपनी टिप्पणी देखने का मौका नहीं दिया और न ही अंतत: सीएजी ने अपनी रपट में हमारे जवाब को शामिल करने पर विचार किया। उन्होंने परिचालन और तकनीकी दोनों किस्म के तथ्यों को नजरअंदाज किया। सीएजी ने अपनी रपट में कहा था कि आरआइएल ने अनुबंध का उल्लंघन किया और उसे 2001 में धीरूभाई-1 और तीन में गैस मिलने के बाद बंगाल की खाड़ी में अपने केजी-डी6 ब्लाक का 7645 वर्ग किलोमीटर के पूरे क्षेत्र को अपने पास रखने की इजाजत दी गई।
पीएसी सीएजी रपट का परीक्षण कर रही है। छह पन्नों की विस्तृत रपट संलग्न कर आरआईएल ने 26 सितंबर को लिखे पत्र में कहा कि सीएजी ने कंपनी द्वारा इस क्षेत्र का स्वत: परित्याग न करने और इस पूरे क्षेत्र को खोज क्षेत्र के रूप में घोषित करने के लिए उसकी आलोचना कर अदूरदर्शिता का परिचय दिया है।
उधर, एक सप्ताह के अवकाश के बाद सोमवार को उच्चतम न्यायालय में एक बार फिर से 2जी घोटाले की सुनवाई शुरू होने जा रही है। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की 2जी घोटाले से संबंधित उस याचिका पर सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान में गृहमंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग की है। गौरतलब है कि चिदंबरम उस समय वित्त मंत्री थे जब उन्होंने पूर्व संचार मंत्री ए. राजा के साथ मिलकर 2जी स्पेक्ट्रम की कीमत का निर्धारण किया था।