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लोकपाल बिल के बारे में हुई बातें होंगी सार्वजनिक

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Anna Hazare
दिल्ली (ब्यूरो)। लोकपाल बिल के मुद्दे पर सरकार और टीम अन्ना के बीच क्या बातचीत हुई। क्या आप जानना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 450 रुपये खर्च करने होंगे। क्योंकि सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए बनी संयुक्त समिति की बैठकों के ऑडियो रिकार्डिग जारी करने पर सहमत हो गई है।

कानून मंत्रालय की मंजूरी का हवाला देकर बातचीत का ब्योरा सार्वजनिक करने से मना कर चुके कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अवर सचिव अमरजीत सिंह ने सुभाष चंद्र अग्रवाल की आरटीआई अर्जी के जवाब में कहा है कि बैठकों की ऑडियो रिकार्डिग मिल गई हैं। इसकी नौ सीडी हैं। यदि आप चाहते हैं कि सीडी आपको मिले तो आपको पहले 450 रुपये सीडी के जमा करने होंगे।

आपको बता दें कि लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई संयुक्त समिति में टीम अन्ना के पांच सदस्य और उतने ही कैबिनेट मंत्री शामिल थे। पूर्व में इंकार करने के बाद विभाग ने हालिया जवाब में अपना रुख बदल लिया है और आरटीआई कार्यकर्ता से ऑडियो रिकार्डिग प्राप्त करने के लिए 450 रुपये का अतिरिक्त शुल्क जमा करने को कहा है।

अग्रवाल ने कहा कि वह विरोध स्वरूप सोमवार को यह राशि जमा करा देंगे क्योंकि आरटीआई अर्जी के जवाब में जानकारी उस स्थिति में नि:शुल्क मुहैया कराई जानी चाहिए जब वह 30 दिन की समय अवधि के भीतर नहीं दी गई हो। इससे पहले डीओपीटी ने कहा था कि उसे सरकार तथा टीम अन्ना के बीच बंद कमरे में हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिग सार्वजनिक करने के लिए कानून मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत है। डीओपीटी से मिले जवाब के अनुसार, कानून और न्याय मंत्रालय की अधिसूचना के तहत संयुक्त मसौदा समिति (जेडीसी) का गठन किया गया था जिसमें जेडीसी को अपनी प्रक्रिया तय करनी थी। जेडीसी की ऑडियो रिकार्डिग पर आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों के संबंध में मामला कानून मंत्रालय के कानूनी मामलों के विभाग के पास स्पष्टीकरण के लिए भेज दिया गया है।

अग्रवाल ने सरकार के अब बदले हुए फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह पूर्ण पारदर्शिता की दिशा में अच्छी शुरुआत है। उन्होंने कहा, जब प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों ने इसके दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए आरटीआई के उपयोग की भ‌र्त्सना की थी, ऐसे समय लोकपाल विधेयक पर संयुक्त मसौदा समिति में हुए पूरे विचार-विमर्श के ऑडियो रिकार्डिग उपलब्ध कराने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, समिति की बैठक में क्या केंद्रीय मंत्रियों और क्या सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने कहा, यह सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। यदि आरटीआइ न होती तो ए. राजा और सुरेश कलमाड़ी आज जेल में न होते।

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English summary
The Government has agreed to make public the audio recordings of the proceedings of the Joint Drafting Committee constituted to frame the Lokpal Bill.
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