हरियाणा: शुरू हुई प्रदेश की पहली रक्त वाहिनी मोबाइल वैन
सभी चिकित्सीय व चिकित्सीय जांच से संबंधित सुविधाओं से सुसज्जित इस वैन में डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम की भी बैठने की व्यवस्था है जब भी रक्तदान के लिए यह मोबाइल वैन एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचेगी तो डॉक्टरों की यह टीम उसमें तैनात रहेगी। इस टीम में एक डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट और लैब टैक्नीशियन शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि इस वैन में रक्तदाताओं के विश्राम करने के साथ-साथ रक्तदान के बाद फलाहार व अन्य खाद्य सामग्री रखने की भी पूरी व्यवस्था बनाई गई है। रक्तदान से पूर्व रक्तदाता की जांच से संबंधित सभी प्रकार के चिकित्सीय उपकरणों की भी व्यवस्था की गई है। इन उपकरणों में स्पीग्मो-मैनोमीटर तथा रक्त जांच से संबंधित उपकरण भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस रक्त वाहिनी नामक मोबाइल वैन से किसी भी मौसम में रक्तदान शिविर आयोजित कर रक्त एकत्रित किया जा सकता है क्योंकि गर्मी, सर्दी, बरसात व किसी भी मौसम में इस रक्त वाहिनी में रक्तदान करने की पूरी व्यवस्था है। रक्त वाहिनी जिला के दूर-दराज व किसी भी क्षेत्र में स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले लोगों के बुलावे पर पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में सिरसा जिला का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमका है।
सिरसा जिला में रक्त का एकत्रितकरण जिला की कुल मांग से भी चार गुणा अधिक होता है। इस रक्त से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़ के जरूरतमंद मरीजों की आवश्यकता के लिए नियमित पूर्ति की जाती है। जिला में लगभग प्रतिवर्ष 18 हजार यूनिट रक्त की मांग है जबकि औसतन प्रतिवर्ष 80 हजार यूनिट तक रक्त एकत्रित किया जाता है। रक्तदान के मामले में सिरसा का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। रक्तदान के क्षेत्र में सिरसा जिला का नाम रोशन करने में सिरसा के उपायुक्त डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया का विशेष योगदान है।
डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया जो इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन इम्यूनोहीमोटोलॉजी के राष्ट्रीय लेवल के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि सिरसा में रक्तदान के लिए बेवसाइट भी तैयार की गई है जिसमें सवा लाख से भी अधिक स्वैच्छिक रक्तदाताओं के पूरे पते सहित नाम शामिल किए गए हैं। यह स्वैच्छिक रक्तदाता देश में किसी भी व्यक्ति को रक्त की जरूरत पडऩे पर रक्तदान करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।