रामलीला मैदान कार्रवाई मामले की जांच नहीं करेगा मानवाधिकार आयोग
आयोग ने यह भी कहा कि यदि न्यायालय इस मामले में कोई और आदेश देता है तो उसकी प्रति आयोग के पास भी भेजी जानी चाहिए। बहरहाल, आयोग ने कहा था कि वह राजबाला के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव से राजबाला के स्वास्थ्य की स्थिति पर जानकारी भी मांगी थी। पुलिस की कथित कार्रवाई के दौरान गंभीर रूप से घायल राजबाला का दो दिन पहले देहांत हो चुका है।
राजबाला के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में आयोग ने 23 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी थी लेकिन दिल्ली सरकार इस समय सीमा का पालन नहीं कर सकी। 26 सितंबर को राजबाला की अस्पताल में मौत हो गई। आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि मुख्य सचिव आयोग को यह बताएं कि क्या दिल्ली सरकार ने राजबाला को कोई अनुग्रह राहत राशि दी है। आयोग ने छह जून को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से रामलीला मैदान पर की गई पुलिसिया कार्रवाई के बारे में 2 सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा था।
दिल्ली पुलिस ने 17 जून और 23 जून को दो रिपोर्ट राष्टीय मानवाधिकार आयोग को सौंपी जिसमें कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट कर रहा है। इसके बाद आयोग ने और आगे जांच न करने का फैसला किया। जून में नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा था कि उसे मीडिया की खबरों और इन शिकायतों से गहरी पीड़ा हुई है कि आधी रात को पंडाल में सो रहे लोगों पर असंवैधानिक पुलिस कार्रवाई की गई, आंसू गैस के गोले छोड़े गए, लाठीचार्ज किया गया और उन्हें खदेड़ा गया।