दिल्ली बम धमाकों के सबूत खंगालने में जुटी एनआईए
गृहमंत्रालय ने संसद में बयान जारी कर कहा था कि देश पर आतंकियों की नजर है ऐसे में इसकी जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी जाएगी। इसके बाद एनआईए की टीम ने धमाके की जगह पर भी जांच की। इस काम में फॉरेंसिक टीमें भी एनआईए की मदद कर रही हैं। फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने धमाकों को अंजाम देने के लिए अमोनिया नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है। इसमें टाइमर बम का इस्तेमाल हुआ है। धमाकों में ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए नुकीली कीलों का भी इस्तेमाल किया गया है।
एनआईए की टीम आज दिन भर धमाके वाली जगह पर ही जुटी रही। टीम इस जांच में क्रेन का भी इस्तेमाल कर रही है। एनआईए टीम ने आज धमाके की जगह वाले पेड़ों पर चढ़कर भी सुबूत जुटाने की कोशिश की। धमाके के तुरंत बाद एनआईए ने इसके पीछे आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ होने की आशंका जाहिर कर दी थी। आईएम ने आज ईमेल करके इस बात की पुष्टि भी की थी। बम धमाके को अंजाम देने का तरीका भी आईएम से मिलता-जुलता है। एनआईए अब इसकी पुष्टि करने में लगी हुई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की बात करें तो इसका गठन मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के बाद किया गया था। इसके गठन के बाद इसे मुंबई में हुए इस आतंकी हमले की जांच सौंपी गई थी जिसमें पाकिस्तान के आतंकियों का हाथ था। एनआईए इस समय इसी साल 13 जुलाई को मुंबई में हुए बम धमाकों की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी अभी तक इस मामले में कोई खुलासा नहीं कर पाई है। बुधवार को दिल्ली में हुए आतंकी हमले का सुराग 2 दिन होने के बाद भी एनआईए को नहीं मिला है। ऐसे में इस एजेंसी की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।