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हरियाणा में धरने पर बैठे किसान की मौत, शव लेकर धरना

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Farmers on Dharna with deadbody
फतेहाबाद। एक साल से धरने पर बैठे किसान की मौत, शव को लेकर धरना जारी फतेहाबाद। परमाणु सयंत्र के विरोध में लघु सचिवालय के सामने धरने व क्रमिक अनशन पर बैठे गोरखपुर के एक किसान का दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई। मौत से गुस्साये किसान शव को लेकर सचिवालय परिसर के बाहर धरना स्थल पर बैठ गए हैं।

जाट संघर्ष समिति के अध्यक्ष हंसराज सिंह सिवाच का कहना है कि जब तक प्रशासनिक अधिकारी मौके पर आकर किसानों की मांग सेक्शन-4 सेक् शन 6 को हटाने की मांग को सरकार तक नहीं लेकर जाएंगे वे शव को नहीं हटाएंगे।

60 वर्षीय ईश्वर सिंह सिवाच का सोमवार सुबह किसानों के साथ धरने पर बैठे था। लगभग 11 बजे अचानक उसकी छाती में तेज दर्द उठा। उसे एंबुलेंस के जरिए तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया। यहां डाक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है। उसे तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों उनकी गंभीर अवस्था को देखते हुए रोहतक पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया।

ईश्वर सिंह व उनके भाई कश्मीर सिंह के नाम करीब 28 एकड़ जमीन है। दोनों भाई भी धरने पर बैठ रहे हैं। ईश्वर सिंह के तीन बेटे और एक बेटी है। तीनों बेटे खेती करते हैं।

एक साल से चल रहा है आंदोलन

29 जुलाई 2010 को सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए धारा 4 लागू कर दी है। अगस्त 2010 से गोरखपुर के किसान इसके विरोध में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को ज्ञापन भेजने के साथ ही धरने-प्रदर्शन किए। सांसद डा. अशोक तंवर ने धरने पर जाकर मनाने की कोशिश की। दिसंबर महीने में किसान दिल्ली में राहुल गांधी से मिलकर आए।

राहुल ने समाधान कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। इसी महीने किसान भागू राम का निधन हो गया। किसानों ने उनका शव नेशनल हाइवे पर रखकर जाम लगाया। जनवरी में किसानों में फूट पड़ गई। कुछ किसान परमाणु संयंत्र लगाने के पक्ष में उतर आए। धारा 6 लागू कराने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।

जुलाई में सांसद तंवर ने दोबारा धरना स्थल पर जाकर किसानों को मनाने की कोशिश की। 26 जुलाई 2011 को सरकार ने धारा 6 लागू कर दी। इसके बाद भी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ।

English summary
After the death of farmer, sat on dharna for last one year, Fatehabad farmers have started the protest with dead body against the nuclear plant in Haryana.
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