लंदन में दंगों को भड़काने के लिए ब्लैकबेरी और फेसबुक जिम्मेदार
पुलिस ने इन दंगों में अभी तक जिन लगभग 500 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें से ज्यादातर 20 साल से भी कम उम्र के हैं। यहां तक की सबसे कम उम्र का दंगाई 11 साल का है। इसके बाद लंदन पुलिस प्रशासन ने टेलीविजन के जरिए यह संदेश जारी किया था कि लोग यह देखें कि उनके बच्चे कहां हैं और वे क्या कर रहे हैं? पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वो अपने बच्चों को फेसबुक और ब्लैकबेरी पर दंगों को भड़कानें के लिए रोकें। इसके अलावा यह भी अपील की गई है कि कहीं बच्चे दंगों का हिस्सा तो नहीं हैं?
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर तो लंदन रॉइट नाम से कम्युनिटी बन गई हैं। इन कम्युनिटी पर युवा पोस्ट कर दंगों की जानाकरी दे रहे हैं। इसके अलावा दंगों में कहां लूटपाट और आगजनी करनी है इसके बारे में भी पोस्ट किया जा रहा है। दंगों की आग को भड़काने के लिए ब्लैकबेरी से संदेश भेजे जा रहे हैं। युवा इन नेटवर्क की वजह से एक-दूसरे के संपर्क में हैं। दंगों को बढ़ावा देने की रणनीति यहां बनाई जा रही हैं।
फेसबुक और ब्लैकबेरी जितना सोशली एक-दूसरे से जोड़ने का काम करती है उतना ही ये अब इन दंगों को बढ़ाने का काम कर रही हैं। लंदन पुलिस ने भी कहा है कि हाईटेक नेटवर्क ने इस दंगे की आग को फैलाया है। क्योंकि यूथ इन साइट्स और ब्लैकबेरी का अधिक इस्तेमाल करते हैं इसलिए दंगों में वे सबसे आगे हैं। पुलिस ने अपील की है कि इन नेटवर्क का इस्तेमाल दंगों को शांत करने के लिए किया जाए।