कराची में जातीय हिंसाओं में 6 महीने में गई 500 की जान
पाकिस्तान में सिर्फ आतंक का ही साया नहीं है जो लोगों की जान लेता है। यहां होने वाली जातीय हिंसाओं ने आतंकवाद को भी पीछे छोड़ दिया है। आंकड़े तो यही गवाही देते हैं। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में पिछले 6 महीनों में जातीय हिंसाओं में लगभग 500 लोगों की जानें गई हैं। पाकिस्तान में जारी मीडिया रिपोर्टों के आधार पर इस साल केवल जुलाई महीने में ही जातीय हिंसाओं में कम से कम 300 लोगों की जान जा चुकी है। यहां मुख्य लड़ाई उर्दू भाषियों और पठानों के बीच है।
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक का कहना है कि हम शहर में शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग शहर में तबाही मचा रहे हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी घोषणा की कि शहर में हिंसा करने वालों की जानकारी देने वालों को ईनाम दिया जाएगा इसके अलावा उनका नाम भी गुप्त रख जाएगा।