भारत को हिंदू राष्ट्र मानते थे राव: अय्यर
उन्हें बाबरी विध्वंस का सबसे बड़ा गुनहगार बताते हुए अय्यर ने यहां तक कह दिया कि खुदराव भारत को मूलत: हिंदू राष्ट्र के रूप में ही देखते थे। अय्यर ने रावके बारे में अपने ताजा खुलासे से वहां मौजूद बुद्धिजीवियों औरकांग्रेसियों को हैरत में डाल दिया। इस दौरान कांग्रेस महासचिव दिग्विजयसिंह भी मंच पर मौजूद थे। अय्यर ने कहा कि 1992 में अयोध्या विवाद के बीचसांप्रदायिक सद्भाव के लिए वह अपनी राम-रहीम यात्रा निकाल रहे थे तबतत्कालीन प्रधानमंत्री राव ने उन्हें बुलवाया और उनकी यात्रा के नामकरण पर सवाल उठाया।
अय्यर के मुताबिक इसके जवाब में उन्होंने राव से कहा किसांप्रदायिक सद्भाव के लिए इसे बेहतर नाम और क्या हो सकता है। अय्यर केमुताबिक तब राव ने उनसे कहा कि यह बात भी ध्यान में रखा जाना चाहिए किभारत वस्तुत: एक हिंदू राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि इसी के बाद धर्म निरपेक्षता पर राव से उनके गहरे मतभेद हो गए क्योंकि वे भारत को हिंदूराष्ट्र मानते थे।
दस जनपथ के निकटस्थ में गिने जाने वाले अय्यर ने कहा कि राव के इसी रवैएकी वजह से बाबरी विध्वंस हुआ जो राष्ट्र की सबसे बड़ी विपदा साबित हुईहै। भाजपा और संघ का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि किसी और से ज्यादा रावने देश की राजनीति को सांप्रदायिकता के चक्रव्यूह में धकेला।अय्यर ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर व्यंग्य किया और कहा कि पार्टी तोअब सर्कस बन गई है।
कभी -कभी लगता है यह धर्मशाला है। अय्यर ने कहा किचौबीस अकबर रोड पर तो वे पहुंचते हैं जिन्हें कुछ नहीं मिलता। पार्टी कीअसली सत्ता तो दस जनपथ और 23 मदर टेरेसा क्रिसेंट (कांग्रेस अध्यक्ष केराजनीतिक सचिव अहमद पटेल का आवास)। इन दोनों जगहों से हाथ कुछ नहीं लगतातब चौबीस अकबर रोड की सर्कस में हम सभी शामिल होते हैं। मगर यह भी हकीकतहै कि कांग्रेस मुख्यालय के इस सर्कस में शामिल होने वालों की भी कभी-कभीलॉटरी लगती रहती है। अब देखना है कि कांग्रेस पार्टी राव के बारे मेंउनके बयान और पार्टी को सर्कस बताने पर क्या रुख अपनाती है।