जनता दे जबाब, मंदिर की संपत्ति का क्या करे सरकार?
मंदिर के आस-पास सशस्त्र पुलिस बलों की दो प्लाटून तैनात की गई हैं और मंदिर की फोटोग्राफी पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के सारे दस्तावेज और संपत्ति को जब्त कर लिया है। कोर्ट का कहना है कि जब सभी कमरों की जांच हो जायेगी उसके बाद इस बात पर फैसला किया जायेगा कि इन संपत्ति का करना क्या है। मगर अब हम सुप्रीम कोर्ट से पहले आम जनता की राय जानना चाहते हैं। अपने सवाल और आपके जबाब जानने से पहले आईए हम आपको बता दें कि मंदिर के कमरों में से क्या क्या बरामद किया गया है।
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- सोने की छड़ों और रत्न आभूषण से भरे 70 बोरे और 7 बक्से ;
- 1000 किलो सोने का ढेर (चावल के आकार के दाने) ;
- ईस्ट इंडिया कंपनी के समय के 17 किलो सोने के सिक्के ;
- त्रावणकोर टकसाल के 14 किलो सोने के सिक्के ;
- नेपोलियन बोनापार्ट के समय के 100 सोने के सिक्के ;
- 1 हजार से भी ज्यादा सोने के 18-18 फीट लंबे हार ;
- सोने और हीरे जडि़त 3 मुकुट ;
- 10 किलो सोने का एक नेकलेस ;
- दो-दो किलो वजन के 4 सोने के हार ;
- 5 हजार करोड़ रुपए के सोने-चांदी के बर्तन, मुकुट, सोने के छत्र, मशालें, छड़ें, राजदंडिका और राजदंड (छोटी लाठियां) ;
- सोने की 1000 जंजीरें ;
- 5-5 करोड़ रुपए की हीरे और सोने की सैकड़ों मुहरें ;
- 1 क्विंटल से ज्यादा के हार ;
- 1लाख सोने-चांदी के सिक्के, मणिबंद और लॉकेट ;
- 2-2 किलो वजन वाली सोने और चांदी की अनगिनत छड़ें ;
मंदिर से तहखाने से अबतक जो कुछ भी मिला है उसका एक संक्षिप्त विवरण आपके सामने हैं। इसके बाद सिर्फ और सिर्फ एक ही सवाल सामने आ रहा है कि इन खजानों का क्या करना चाहिए। यह सवाल सिर्फ हमारा ही नहीं हर आम आदमी का है। तो अब आप ही बताएं कि इन खजानों का प्रयोग कहां और किस रूप में किया जाना चाहिए। क्या इसे ट्रस्ट को दे देना चाहिए? क्या इस संपत्ति को देश की रक्षा ताकत बढ़ाने (हथियार) में किया जाना चाहिए? इन सब का जबाब अब आपके और आम जनता के हाथ में है।
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