सत्य साईं की संपत्ति पर सस्पेंस बरकरार
यह नगदी 11.56 करोड़ की बताई जा रही है। सवाल यह उठ रहा है कि उस नगदी में कितने रुपए के नोट थे। उन्हें किस तरीके से गिना गया। किस तरह से लगभग 12 करोड़ को गिनने में 3 मशीनों को 36 घंटे लग गए। उनकी करोड़ों की इस संपत्ति का अभी पूरा ब्योरा नहीं मिल पाया है। इसके अलावा 98 किलोग्राम सोना, 307 किलोग्राम चांदी मिली है। इसमें विदेशी मुद्रा भी शामिल है। कुल सामान की कीमत लगभग 38 करोड़ आंकी जा रही है।
इसके अलावा इस बात पर भी सस्पेंस बना हुआ है कि क्या पुट्टापर्थी में बने उनके निजी कक्ष से मिले खजाने के अलावा भी उनका कहीं खजाना है। सत्य साईं के निजी कक्ष्ा में मिले खजाने की जानकारी उनके निजी संरक्षक सत्यजीत को थी। इसके बावजूद उसने इस बात का खुलासा क्यों नहीं किया। अब इस तरह के सवाल भी उठ रहे हैं कि हो सकता है कि सत्यजीत को देश के अंदर मौजूद सत्य साईं के और खजानों की जानकारी हो।
सत्य साईं की मृत्यु के बाद ट्रस्ट के अगले वारिस को लेकर भी विवाद चल रहे थे। इसमें मुख्य विवाद सत्य साईं के भतीजे रत्नागर और उनके संरक्षक सत्यजीत के बीच था। अभी तक सत्य साईं की वसीयत का खुलासा नहीं हो पाया है। हो सकता है कि आने वाले समय में सत्य साईं के निजी कक्ष में मिले खजाने की तरह देश में कहीं और उनके खजाने के रहस्य से पर्दा उठ सके।