मीरा कुमार ने दी पीएसी की रिपोर्ट को पटकनी
रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही कैबिनेट सचिवालय की आलोचना की गई है। कहा गया है कि दोनों ही कार्यालय तत्कालीन दूर संचार मंत्री ए. राजा पर लगाम लगाने में नाकाम रहे हैं। रिपोर्ट में अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती और तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।
इस मामले पर डॉ. जोशी ने कहा कि पीएसी का अध्यक्ष होने के नाते उन्हें रिपोर्ट देने का अधिकार है और रिपोर्ट पर मतदान का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि संसद के नियमों के अनुसार किसी भी संसदीय पैनल की रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में तभी रखा जा सकता है जबकि उसके पैनल ने इसकी अनुमति दी हो।
गौरतलब
है
कि
शुरू
से
ही
पीएसी
की
जांच
रिपोर्ट
पर
विवाद
रहा
है।
हालांकि
जोशी
का
आरोप
था
कि
विवाद
तब
उठा
जब
समिति
ने
पीएमओ
के
वरिष्ठ
अधिकारियों,
कैबिनेट
सचिव
और
कुछ
दूसरे
लोगों
से
सवाल
जवाब
करने
का
निर्णय
लिया
था।
लगभग
डेढ़
महीने
के
बाद
लोकसभा
अध्यक्ष
ने
रिपोर्ट
वापस
कर
जोशी
को
झटका
दे
दिया
है
तो
यह
भी
स्पष्ट
हो
गया
है
कि
अब
चर्चा
चाको
की
अध्यक्षता
वाली
जेपीसी
रिपोर्ट
पर
ही
होगी
जिसमें
राजग
कार्यकाल
के
समय
में
दूरसंचार
मंत्रालय
के
कामकाज
और
स्पेक्ट्रम
आवंटन
पर
चर्चा
हो
रही
है।