राष्ट्रमंडल घोटाले को लेकर सीबीआई की छापेमारी
सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों पर राष्ट्रमंडल आयोजन समिति के साथ मिलकर ब्रॉडकास्ट नेटवर्क टेंडर में भारी धांधली करने का आरोप है। ब्रॉडकास्ट नेटवर्क का टेंडर 2010 में दिया गया था। इस कॉन्ट्रैक्ट की कीमत पहले 40 करोड़ रुपये तय की गई थी, लेकिन बाद में धांधली कर टेंडर को 572 करोड़ रुपये में निकाला गया।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रमंडल खेल के दौरान प्रसारण और आंकड़ों के आदन-प्रदान के लिए करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से आप्टिकल फाइबर बिछाने की योजना थी, लेकिन एमटीएनएल के तत्कालीन अधिकारियों ने एचसीएल इंफो सिस्टम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर आप्टिकल फाइबर की जगह ब्रोडकास्ट वीडियो नेटवर्क लगाने की योजना बना ली। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि इस तकनीक को भी लगाने में 190 करोड़ रुपये से अधिक की लागत नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन एचसीएल इंफो सिस्टम को यह ठेका 572 करोड़ रुपये में देकर सरकारी खजाने को 382 करोड़ का चूना लगाया। सीबीआई के अधिकारी अब इनके दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं।