दयानिधि मारन को जेल भेजने की तैयारी में जुटी सीबीआई
सूत्रों ने बताया कि राजा से पहले संचार मंत्री रहे मारन पर चेन्नई स्थित घर में सौकड़ों टेलीफोन लगाकर बीएसएनएल को करोड़ों रुपये का चूना लगाने और एयरसेल को लाइसेंस देने के एवज में अपने परिवार की कंपनी सन टीवी को करोड़ों रुपये दिलाने का आरोप है। इन दोनों मामलों में जांच एजेंसी जल्द ही एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर सकती है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि संचार मंत्री रहते हुए दयानिधि मारन ने एयरसेल को 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस देने का मामला लंबे समय तक लंबित रखा और इसके मालिक एस. शिवशंकर ने मजबूरन इसे मलेशिया की मैक्सिस कंपनी को बेच दिया। एयरसेल को लाइसेंस मिलने के बाद मैक्सिस कंपनी ने मारन परिवार की कंपनी सन टीवी में 600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
पिछले महीने शिवशंकरन ने खुद ही सीबीआई के पास आकर मारन के खिलाफ बयान देने की पेशकश की। जल्द ही जांच एजेंसी शिवशंकरन का बयान दर्ज करेगी। हालांकि सीबीआइ अधिकारी ने दावा किया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिवशंकरन के बयान की जरूरत नहीं है और मौजूदा सबूतों के आधार पर ही मारन के खिलाफ शिकंजा कस सकता है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ 2001 से 2007 के बीच स्पेक्ट्रम आवंटन में हुई गड़बडि़यों की जांच कर रही है और अदालत को सौंपी गई जांच की प्रगति रिपोर्ट में एयरसेल मामले में हुई गड़बड़ी के बारे में भी बताया गया है।