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न मानी सरकार न ही ऑटोरिक्‍शा युनियन, हड़ताल जारी

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Auto Rickshaw
दिल्‍ली। जीपीएस उपकरण लगाने के खर्च को सरकार की तरफ से वहन किये जाने की मांग को लेकर हजारों ऑटोरिक्‍शा चालकों की हड़ताल ने पूरी दिल्‍ली को रोक कर रख दिया है। शुक्रवार को हड़ताल के दौरान शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सरकार और ऑटोरिक्‍शा यूनियन अपने अपने रवैयै पर अड़ा हुआ है। अगर सड़कों की बात करें तो ऑटो चालकों के ह़डताल पर चले जाने से दिल्लीवासी सुबह ऑफिस अपने वाहनों से गए वहीं स्कूल जाने वाले छात्र घरों के बाहर ऑटो के आने का इंतजार करते करते देखे गए।

दिल्ली सरकार ने क़डे निर्देश दिए है कि ऑटो और टैक्सी चालक ह़डताल पर गए तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ-साथ दूसरी ब़डी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली सरकार के द्वारा ह़डताली ऑटो और टैक्सी चालकों के खिलाफ क़डी कार्रवाई की धमकी देने के बाद भी ह़डताल की वजह से करीब 55 हजार ऑटो और नौ हजार काली-पीली टैक्सियां सडकों से नदारद रहेंगी।

दिल्ली प्राइवेट ऑटो संघ के राजेन्द्र सोनी ने बताया कि इस ह़डताल में 14 संगठनों का सहयोग है। ऑटो और टैक्सी यूनियनों की दिल्ली सरकार से मांग है कि ऑटो और टैक्सी में जीपीएस सिस्टम लगवाने को तैयार है लेकिन दस से 15 हजार रूपए का खर्च सरकार उठाएं। चालक की मौत पर उसके परिवार वालों को आर्थिक सहायता देने और बच्चों की पढ़ाई में रियायत दे। वहीं दूसरी तरफ सरकार जीपीएस सिस्टम लगाने के अपने निर्देश पर कायम है।

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English summary
It was a tough day Friday for Delhiites as thousands of autorickshaws went off the roads with the auto unions demanding that the Delhi government pay for the installation of Global Positioning System (GPS) devices in their vehicles.
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