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80 साल बाद फिर सरकार पूछेगी आपसे आपकी जाति

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PM Manmohan Singh
दिल्‍ली। सरकार अब देश के लोगों से उनकी जाति पूछकर गिनती करेगी। जातीय जनगणना पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। साथ ही कैबिनेट की बैठक में ये भी फैसला लिया गया है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की गिनती भी कराई जाए। इससे गरीबी रेखा के नीचे तथा उसके ऊपर जीवनयापन कर रहे लोगों और उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है। यह गणना जून से शुरू हो कर दिसंबर 2011 में संपन्न हो जाएगी और इसपर तकरीबन 3500 करोड़ रूपयों का खर्च आएगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किए गए इस फैसले की जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने दी। देश में जाति आधारित अंतिम जनणनना 1931 में हुई थी। कई राजनीतिक दल जाति आधारित गणना कराने की मांग कर रहे थे। शहरी बीपीएल आबादी की गणना भी पहली बार हो रही है।

इस तरह की जनगणना के बाद यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में कितने लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। बीपीएल लोगों के साथ जाति और धर्म के आधार पर गणना कराने से यह स्पष्ट होगा कि देश में किस जाति और धर्म में गरीब लोगों का अनुपात क्या है। इससे उनके कल्याण की योजनाएं बनाने में आसानी होगी। इससे यह पता लग सकेगा कि मुसलमानों, इसाईयों, सिखों और हिन्दुओं आदि में कितने प्रतिशत लोग बीपीएल श्रेणी में आते हैं।

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English summary
The government on Thursday approved a proposal to conduct a survey based on caste, religion and economic conditions that will help in identifying people living below and above the poverty line and their social backgrounds.
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