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पेट्रोल कीमतों के खिलाफ भाजपा में कोई अन्‍ना है क्‍या?

By Ajay Mohan
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BJP Protest Against Petrol Price
नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार की नीति पेट्रो‍ल कंपनियों के पैरों तले दब चुकी है। पेट्रोल की कीमतें असमान छूने लगी हैं। वो दिन दूर नहीं जब पेट्रोल की कीमत शतक मार देगी। इस बार 5 रुपए बढ़े तो भारतीय जनता पार्टी ने दिल्‍ली की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। 45 डिग्री तापमान में जाम में फंसे लोग सरकार से ज्‍यादा भाजपाईयों को कोस रहे थे। क्‍या आपको लगता है कि इस तरह से भाजपा अपनी खोई हुई सत्‍ता हांसिल कर पायेगी? शायद नहीं! क्‍या भाजपा में कोई अन्‍ना हजारे जैसा व्‍यक्ति नहीं है, जो पेट्रोल कीमतों के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठ जाये?

इस सवाल का भी जवाब नहीं ही है। जी हां पेट्रोल की कीमतें बढ़ीं तो रविवार को हर शहर में भाजपा, सीपीआई, आदि पार्टियों के मात्र पंद्रह-बीस भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुतले फूंक कर अपनी भड़ास निकाल ली। भाजपा को पता था कि अगर प्रदर्शन का असर दिखाना है, तो सोमवार का दिन सबसे अच्‍छा रहेगा। सुबह साढ़े नौ बजते ही दिल्‍ली के लाल किला के पास 500 से अधिक कार्यकर्ता पहुंच गये और सड़क को दोनों तरफ से जाम कर दिया। ऐसा एक जगह नहीं बल्कि छह अलग-अलग स्‍थानों पर हुआ।

भाजपा कार्यकर्ताओं के जाम से आम जनता इतनी परेशान हो गई कि अपने वाहन छोड़ सड़क पर बैठे कार्यकर्ताओं को हटने के लिए माने पहुंच गई, लेकिन भाजपाई नहीं माने वो डटे रहे। इस दौरान कई जगह आम जनता और भाजपाईयों के बीच झड़पें भी हुईं। जरा सोचिये जो व्‍यक्ति ऑफिस के लिए लेट हो रहा था, जो अपने बिजनेस की नई शुरुआत करने के लिए लोन के लिए बैंक जा रहा था, जो अपने बच्‍चे के स्‍कूल पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में जा रहा था... क्‍या वो केंद्र सरकार को कोस रहा होगा?

नहीं! क्‍योंकि अगर कांग्रेस को ही कोसना होता तो मनमोहन सिंह के संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन की पहली पारी में महंगाई की मार झेल चुके वही लोग कांग्रेस को वोट नहीं देते। जी हां अगर भाजपाई इसी तरह आम जनता को परेशान कर सत्‍ता पर काबिज होना चाहती है, तो वो उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। अगर वाकई में भाजपा को पेट्रोल कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन करना है, तो भाजपा को पहले बुक करना होगा दिल्‍ली का रामलीला मैदान और वहां पर किसी एक 'भाजपाई हजारे' को अनशन पर बैठना होगा।

तब ना आम जनता को दिक्‍कत होगी और ना ही धरने पर बैठे भाजपाईयों को पुलिस हटायेगी। जी हां तब वही आम जनता जो समय से ऑफिस का काम खत्‍म कर लेगी, शाम को भाजपा के धरने में शामिल होगी। जी हां तब महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों में भी केंद्र सरकार के खिलाफ असली आग भड़केगी। और वही लोग भाजपा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।

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English summary
Bhartiya Janta Party has totally failed in protest against increasing petrol price. Now the question raises- is this right approach and also is there any Anna in BJP who could protest against Petrol Price?
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