सरकारी वकीलों पर बेहरबान हुईं मायावती
राजधानी के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित सरकारी वकीलों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा कि यह कार्य वकील मिशनरी भावना से करें। उन्होंने कहा कि जिला शासकीय अधिवक्ताओं को दी जाने वाली ड्राफ्टिंग फीस, पुस्तकालय एवं आशुलिपिक भत्ते की वर्तमान दरों को भी बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि निर्बल वर्ग के सभी प्रकार के लंबित एवं दायर किए जाने वाले उन मुकदमों की निशुल्क पैरवी की जाएगी जिसमें सरकार विपक्षी पार्टी नही है। ज्ञात हो कि सरकार ने वकीलों को अपनी ओर मिलाने के लिए न्यासी समिति को साठ करोड़ रूपये देने का निर्णय लिया था।
सरकारी वकीलों को दिए गए तोहफे में सरकार ने जिला तथा तहसील स्तर पर सरकार का पक्ष रखने वाले फौजदारी, दीवानी तथा राजस्व के सरकारी वकीलों की रिटेनर फीस तीन हजार रूपये से बढाकर छह हजार रूपये प्रतिमाह तथा बहस के लिए प्रति कार्यदिवस पांच सौ पचास रूपये से बढ़ाकर 11 सौ रूपये कर दी है। इसी प्रकार फौजदारी, दीवानी एवं राजस्व के अपर जिला शासकीय अधिवक्ताओं की रिटेनर फीस 24 सौ रूपये से बढ़ाकर चार हजार आठ सौ पये प्रतिमाह तथा प्रति कार्य दिवस बहस के लिए पांच सौ रूपये से बढ़ाकर एक हजार रूपये कर दी है।
इसके अलावा फौजदारी दीवानी तथा राजस्व के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताओं व विशेष जिला शासकीय अधिवक्ताओं की रिटेनर तथा प्रति कार्यदिवस बहस फीस में बढ़ोत्तरी की गयी है। उन्होंने कहा कि अब इनकी रिटेनर फीस 2100 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 4200 रुपये प्रतिमाह तथा बहस के लिए 500 रुपये प्रति कार्यदिवस से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी गयी है। इसके साथ ही उप जिला शासकीय अधिवक्ता व दीवानी की रिटेनर फीस 1800 रुपये से बढ़ाकर 3600 रुपये प्रतिमाह तथा बहस की फीस 425 रुपये से बढ़ाकर 850 रुपये प्रति कार्यदिवस कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्याय मित्र के बहस फीस में भी बढ़ोत्तरी करते हुए प्रति कार्यदिवस 500 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रति कर दी है।