साईं बाबा के सेवक को जान का खतरा, पुलिस ने दी सुरक्षा
सत्य
साईं
इंस्टीट्यूट
ऑफ
हायर
मेडिकल
साइंसेज
में
बाबा
का
इलाज
करने
वाले
डॉक्टरों
ने
हालांकि
न
तो
इसकी
पुष्टि
की
और
न
ही
इससे
इनकार
किया
कि
बाबा
को
अस्पताल
में
भर्ती
होने
से
पहले
दर्द
निवारक
दवाओं
की
बड़ी
खुराक
दी
गई।
बाबा
को
सांस
में
तकलीफ
के
बाद
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया
था।
गत
रविवार
सुबह
सत्य
साईं
ने
अंतिम
सांस
ली।
आईए
हम
आपको
बताते
हैं
कुछ
मुख्य
कारण
है
जिसके
चलते
लोगों
के
अंदर
यह
शक
पैदा
हो
गया
कि
सत्यजीत
और
डा.
अय्यर
ने
मिलकर
बाबा
को
धीरे-धीरे
मार
डाला।
1.
सत्यजीत
हर
वक्त
बाबा
के
साथ
रहता
था।
2.
इलाज
के
दौरान
भी
सत्यजीत
ही
बाबा
के
पास
था
और
उसने
परिजनों
को
इसकी
सूचना
नहीं
दी
थी।
3.
डा.
अय्यर
और
सत्यजीत
ने
मिलकर
बाबा
को
अत्यधिक
मात्रा
में
दर्द
निवारक
दवाईयां
दी
जिससे
बाबा
की
हालत
बिगड़
गई।
ऐसे
तमाम
कई
कारण
है
जिसने
सत्य
साईं
बाबा
के
भक्तों
पर
यह
सोचने
को
मजबूर
कर
रहा
है।
वहीं
दूसरी
तरफ
सरकार
ने
सत्य
साईं
ट्रस्ट
के
सभी
पदाधिकारियों
की
सुरक्षा
बढ़ा
दी
है।
सत्यजीत
को
सत्य
साईं
सेंट्रल
ट्रस्ट
का
वारिस
बनाए
जाने
की
पूरी
संभावना
है
क्योंकि
अधिकतर
सदस्य
उनके
पक्ष
में
दिखाई
दे
रहे
हैं।
साईं
बाबा
का
कोई
भी
मेडिकल
रिकॉर्ड
नहीं
रखने
को
लेकर
कई
भक्त
डॉ.
अय्यर
की
आलोचना
करते
रहे
हैं
और
यहां
तक
कि
उन्हें
जान
से
मारने
की
धमकी
भी
दी
गई
जब
बाबा
अस्पताल
में
भर्ती
थे।
बताया
जा
रहा
है
कि
सत्य
साईं
ट्रस्ट
की
कुल
संपति
40
हजार
करोड़
से
लेकर
1.3
लाख
करोड़
रुपये
तक
है।