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साईं बाबा के अंतिम दर्शन में भेद-भाव, जनता में आक्रोश

By Jaya Nigam
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Satya Sai Baba
पुट्टापर्थी (आंध्र प्रदेश)। हजारों श्रद्धालु रात से ही जहां प्रशांति निलयम के बाहर अपने पूज्य बाबा के अंतिम दर्शन के लिए कतार में खड़े थे, वहीं राजनेताओं, नामी चेहरों, फिल्मी सितारों और शीर्ष अधिकारियों सहित कई सारे विशिष्ट व्यक्तियों के लिए बाबा के अंतिम दर्शन हेतु कुलवंत हॉल में प्रवेश के लिए पिछला दरवाजा खोल दिया गया और उन्हें बाबा के तत्काल दर्शन कराने की सुविधा उपलब्ध कराई गई।

बाबा का पार्थिव शरीर कुलवंत हॉल में वातानुकूलित शीशे के संदूक में रखा हुआ है। साईं न्यास और पुलिसकर्मियों द्वारा यह खुलेआम भेदभाव केवल विशिष्ट व्यक्तियों के हॉल में प्रवेश तक ही सीमित नहीं है बल्कि उनके वाहनों को भी लोहे के दरवाजे तक जाने की छूट दी गई। जबकि यहीं पर श्रद्धालुओं को बाबा के पार्थिव शरीर का एक झलक पाने के लिए निलयम तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की पदयात्रा करनी पड़ी है।

चूंकि साईं बाबा का पार्थिव शरीर उनके निधन के चार घंटे बाद रविवार को सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेस से प्रशांति निलमय लाया गया था लिहाजा विनम्र श्रद्धालुओं को पार्थिव शरीर की एक झलक पाने के लिए चार घंटों तक इंतजार करना पड़ा। जब सैकड़ों भावुक श्रद्धालुओं ने इस देरी पर नाराजगी जताई तो न्यास के स्वयंसेवकों व खाकी वर्दीधारियों ने उन्हें खदेड़ दिया और बेरहमी के साथ उनपर लाठियां बरसाई।

कुरनूल से बाबा को अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने आए स्कूल अध्यापक, एस.अंजनीयुलू (43) ने कहा, "तमाम विशिष्ट व्यक्तियों को बगैर कतार में इंतजार किए बाबा का तत्काल दर्शन कराया गया, जबकि हमें हाल में प्रवेश करने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ा है।" पुरुषों व महिलाओं के लिए बनाई गई दो कतारें सोमवार तड़के तक निलयम के मुख्य प्रवेश द्वार से एक से दो किलोमीटर लम्बी हो गई थीं।

दो दशकों से बाबा के अनन्य भक्त और व्यापारी बी.वेंकन्ना (54) ने कहा, "न्यास प्रशासन और पुलिस के लोग कतारों को संभाल नहीं पाए। मुझे हाल तक पहुंचने में दो घंटे लगे और स्वयंसेवकों ने एक सेकंड में हमें वहां से आगे धकेल दिया। उन्होंने मुझे बाबा के शव को न तो करीब से देखने दिया और न अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने दी।" इसके ठीक विपरीत कई सारे विशिष्ट व्यक्ति शीशे के संदूक के पास बैठे हुए थे। इनमें आंध्र प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री जे.गीता रेड्डी, बाबा के भतीजे रत्नाकर और बाबा के निजी सेवक सत्यजीत शामिल थे।

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English summary
Thousands of devotees are struggling hard for last visit of their spiritual saint Satya Sai Baba in Puttaparthi, Andhra Pradesh. But VIP get preference and public get annoyed in this discrimination.
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