20 अप्रैल को प्रक्षेपण के लिए तैयार पीएसएलवी सी-16
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रकाशन एवं जनसम्पर्क निदेशक एस.सतीश ने बताया, "54.5 घंटे की उलटी गिनती सोमवार तड़के 3.42 बजे शुरू हुई।"यदि सब कुछ ठीक रहा तो पोलर सैटेलाइट लांच व्हिकल (पीएसएलवी) बुधवार सुबह 10.12 बजे उड़ान भरेगा और यह अपने साथ कुल 1,404 किलोग्राम वजन की सामग्री लेकर अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान करेगा।
इसमें तीन उपग्रह- 1,206 किलोग्राम का "रिसोर्ससैट-2", नक्षत्रीय एवं वातावरणीय अध्ययन के लिए 92 किलोग्राम का भारत-रूस का संयुक्त नैनो उपग्रह "यूथसैट" और अनुप्रयोगों के प्रतिरूपण के लिए 106 किलोग्राम का माइक्रोसैटेलाइट "एक्स-सैट" शामिल होगा। एक्स-सैट सिंगापुर स्थित नैनयांग टेक्नॉलॉजिकल युनिवर्सिटी में तैयार हुआ है।
44 मीटर ऊंचाई वाला पीएसएलवी चार चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें ठोस एवं तरल प्रणोदक वैकल्पिक रूप से उपस्थित हैं। प्रथम एवं तृतीय चरण के इंजन ठोस प्रणोदक से संचालित होंगे और द्वितीय एवं चतुर्थ चरण के इंजन तरल प्रणोदक से संचालित होंगे। देश का दूरसंवेदी उपग्रह, रिसोर्ससैट-2 मूल रूप से इस वर्ष जनवरी में लांच किया जाने वाला था, लेकिन पहले उसकी लांचिंग फरवरी के लिए टाली गई और उसके बाद अप्रैल के लिए।
दूरसंवेदी उपग्रह उपयोगी चित्रों व अन्य आकड़ों को पृथ्वी पर भेजते हैं। भारत के पास दूरसंवेदी उपग्रहों का दुनिया में सबसे बड़ा समूह है, जो विभिन्न रिजल्यूशन्स में अंतरिक्ष की छवियां उपलब्ध कराते हैं। ये रिजल्यूशन्स एक मीटर से लेकर 500 मीटर तक के होते हैं। भारत वैश्विक बाजार में इस तरह के आंकड़ों का एक बड़ा विक्रेता है।