होलिका दहन पर चमकेगा खूब बड़ा-सा चांद
यह सुपरमून विभिन्न जगहों पर अलग-अलग समय पर देखा जा सकेगा। लंदन में स्थानीय समय 6.15 बजे से 6.45 बजे के बीच चांद सबसे बड़ा नजर आएगा। धरती से अपनी सामान्य दूरी की तुलना में 30,000 किलोमीटर निकट होने के कारण इसका आकार तुलनात्मक रूप से बड़ा दिखाई देगा हालांकि शाम को रोशनी ज्यादा होने पर इसे देखने में मुश्किल हो सकती है। दरअसल चांद का आकार घटता-बढ़ता नहीं है बल्कि इसके धरती के दूर और पास होने पर इसका आकार छोटा और बड़ा दिखाई देता है।
बड़ा-सा चांद यानी सुपरमून
होली से पहले चांद की इस दीवाली के मायने आखिर क्या हैं और इंसानों और धरती पर इसका क्या असर पड़ेगा इस विषय पर इन दिनों से काफी माथापच्ची हो रही है। जाने माने पंडितों और ज्योतिषियों का कहना है कि धरती के करीब आ रहे इस चंद्रमा के असर से ही जापान और न्यूजीलैंड में भूकम्प आए हैं और सुपरमून की स्थिति के समय धरती पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। इसके कारण अगले दो दिनों में समुद्र में ज्वारभाटा आ सकता है। वैज्ञानिकों का पहले से ही मानना है कि चंद्रमा के गुरुत्वार्षण के कारण ही समुद्र में लहरें ज्यादा ऊंची हो जाती है और ज्वारभाटा आता है।
दूसरी ओर वैज्ञानिक इस बात से इंकार कर चुके हैं कि सुपरमून के किसी असर के कारण जापान में भूकम्प आया और सुनामी लहरें उठीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती की पर्ते दबाव के अनुरूप लगातार खुद को व्यवस्थित करती रहती हैं इसलिए समय-समय पर भूकम्प आते हैं उन पर चंद्रमा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।