कांग्रेस ने परमाणु विधेयक पारित कराने के लिए खरीदे थे सांसद
आरएलडी अधझ्यक्ष और दिवंगत प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सुपुत्र अजीत सिंह ने ऐसी किसी खरीद-फरोख्त से सिरे से इंकार किया है। इन्होने इन आरोपों को कोरी बकवास बताया है जबकि शिवसेना ने भी इस बात को सही ठहराते हुए यूपीए पर अपने सांसदों के सामने पेशकश रखने का भी खुलासा किया है। लेकिन शिवसेना ने साफ किया है कि उनका एक भी सांसद ने इस पेशकश पर अपना ईमान नहीं बेचा।
उल्लेखनीय है कि साल 2008 में संप्रग सरकार परमाणु समझौते के लिए बेकरार थी। कांग्रेस पर इस डील को पास कराने का अमेरिकी दबाव जगजाहिर था। देश का अधिकांश जनमत और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा बिल्कुल भी इस डील के पक्ष में नहीं थी, कांग्रेस ने लोकसभा में ये विधेयक पारित कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। ऐसे स्थिति में परमाणु विधेयक पारित होने के बाद सदन में कांग्रेस की स्थिति तो मजबूत हुई थी, इसके अलावा उसने अमेरिका का भरोसा भी जीत लिया था। इस समय लोकसभा में सांसदों के खरीद-फरोख्त का मुद्दा गर्माया हुआ है। देखना ये है कि इतने बड़े खुलासे के बाद भी भाजपा, कांग्रेस को घेर पाने में सक्षम हो पाती है या नहीं।