चुनाव में कांशीराम के भाई देंगें मायावती को चुनौती
श्री सिंह दिवंगत कांशीराम की जन्मतिथि आगामी 15 मार्च को दलित सम्मेलन भी बुलाया है। श्री सिंह के मैदान मेंं आने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गयी हैं। एक ओर जहां जहां बसपा प्रमुख दलबारा सिंह से निपटने की रणनीति तैयार कर रही हैं वहीं बसपा की विरोधियां पार्टियां इस बात का लाभ उठाने की फिराक में आ गयी हैं। श्री दलबारा सिंह ने 2009 में बहुजन संघर्ष पार्टी (कांशीराम) की स्थापना की थी लेकिन इसकी गतिविधियां हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब तक ही सीमित थीं। पार्टी उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं छोड़ पायी थी।
उत्तर में बदल रहे राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए श्री सिंह ने घोषणा की कि आगामी 15 मार्च को अपने भाई कांशीराम के 77वें जन्मदिन पर सहारनपुर के गनगोहा क्षेत्र में दलित सम्मेलन बुलाएंगे। सूत्र बताते हैं कि सम्मेलन के लिये दिवंगत कांशीराम की चचेरी बहन सुरबिंदर कौर भी मद्द करेंगी।
श्री दलबारा सिंह ने कहा कि सुश्री मायावती के नेतृत्व में बसपा दलित उत्थान के एजेंडे से भटक गयी है और इसका मुख्य लक्ष्य किसी तरह सत्ता में बने रहना रह गया है। बसपा पार्टी के कर्ताधाताओं को दलितों के उत्थान से कोई लेना देना नहीं रह गया है।
श्री सिंह पिछले दो महीने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के चयन में जुटे हुए हैं। साथ ही वे उन नेताओं से भी संबंध साध रहे हैं जिन्हें विभिन्न कारणों से बसपा से निकाल दिया गया था या जो स्वयं पार्टी छोड़कर चले गए। मालूम हो कि श्री कांशीराम को जब 2004 में दिल का दौरा पड़ा था और वह मायावती की देखरेख में थे तब श्री सिंह तथा कांशीराम की मां बिशन कौर ने आरोप लगाया था कि मायावती ने बसपा के संस्थापक कांशीराम को अपने घर में बंद कर रखा है और उनके परिवार वालों से मिलने नहीं दे रही हैं।
उन्होंनें इसके लिये दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की थी। अब एक बार फिर दिवंगत कांशीराम के भाई और उनकी चचेरी बहन मायावती के सामने आ गये हैं। दलितों के उत्थान के नाम पर सामने आये एक और राजनीतिक संगठन बहुजन शक्ति पार्टी ने भी आगामी 15 मार्च को कांशीराम मिशन बचाओ संकल्प सभा का आयोजन किया है। पार्टी के महासचिव अमर नाथ शास्त्री ने वाराणसी में कहा कि उनकी पार्टी कांशीराम के दलितों के उत्थान के अधूरे मिशन को पूरा करेगी। उन्होंनें कहा कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक मुक्ति आन्दोलन को पूरे देश में फैलाया जायेगा।