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मुबारक हो, मुबारक गये, अब मुबारक ही मुबारक

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नई दिल्ली। आखिर कार वो करिश्मा हो गया जो किसी ने सपने में नहीं सोचा था। एक बार फिर से ये साबित हो गया है कि अगर जनता अपने पर आ जाये तो तो हर चीज आसान है। एक बार फिर से जनता और सच्चाई की जीत हुई है और तानाशाही का अंता। अमेरीका ने भी कहा है कि मिस्र में होस्नी मुबारक का राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा मिस्र में बदलाव का अंत नहीं, एक शुरुआत है। अब सबकी निगाहें सेना के अगले कदम पर है कि वो अब क्या करेगी। हालाकि सबको उम्मीद है सब कुछ मुबारक ही होगा।

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अमेरिका ने कहा है कि, प्रदर्शनकारियों ने इस विचार को झूठा साबित किया है कि न्याय हिंसा के जरिए ही प्राप्त किया जा सकता है, मिस्र की क्रांति ये साबित कर ती है कि सच्चाई के बल पर कुछ भी जीता जा सकता है। आपकों बता दें कि मिस्र में शुक्रवार को ऐतिहासिक घटनाक्रम में 30 साल तक सत्ता पर काबिज़ रहे होस्नी मुबारक ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।

मिस्र की राजधानी काहिरा समेत विभिन्न शहरों में 18 दिनों तक आम लोगों के प्रदर्शनों ने होस्नी मुबारक़ को ये क़दम उठाने पर विवश कर दिया। मिस्र के घटनाक्रम का अनेक देशों ने स्वागत किया है। भारत ने भी इसे जनक्रांति की जीत बताई है।

राष्ट्रपति मुबारक काहिरा छोड़कर शर्म अल शेख़ चले गए और उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान ने सरकारी टेलीविज़न पर घोषणा की कि फ़िलहाल राष्ट्रपति का कार्य सैन्य परिषद संभालेगी। इस घोषणा के बाद जहाँ मिस्र के भीतर जश्न मनाया जाने लगा वहीं दुनिया के अनेक देशों ने मुबारक के इस्तीफ़े का स्वागत किया।

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English summary
Egypt waits for the next step after Mubarak.
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