बांदा बलात्कार मामले की सुनवाई 28 जनवरी तक टली
पीयूसीएल के अधिवक्ता आर. के. जैन ने न्यायालय को बताया कि दो अधिवक्ताओं की टीम ने पीड़ित लड़की से बांदा जाकर मुलाकात की है, लेकिन समयाभाव के कारण रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। इसके लिए उन्होंने अदालत से समय देने का अनुरोध किया, जिसके बाद मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा तथा न्यायमूर्ति एस.सी. अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई 28 जनवरी तक स्थगित कर दिया।
न्यायालय ने 18 जनवरी को पीयूसीएल की महासचिव वंदना मिश्र और अधिवक्ता दीबा सिद्दीकी को बलात्कार पीड़िता से मिलकर मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।
उधर, उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता ज्योतिंद्र मिश्र ने बलात्कार की घटना की जांच व दोषियों के विरुद्ध सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी शुक्रवार को न्यायालय को दी।
ज्ञात हो कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए 15 जनवरी को पीड़ित लड़की की रिहाई और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए थे।
उल्लेखनीय है कि बांदा के शहबाजपुर गांव निवासी लड़की ने नरैनी विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी और उनके सहयोगियों पर 12 दिसम्बर की रात सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया था।
सीबी-सीआईडी की जांच रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर आरोपी विधायक को 12 जनवरी को बांदा से गिरफ्तार किया गया था।
सीबी-सीआईडी ने गुरुवार को बांदा अदालत में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए थे। इसके बाद शुक्रवार को विधायक सहित सभी चारों आरोपियों को बांदा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख तीन फरवरी मुकर्रर की।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने गुरुवार को इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बांदा के जेलर और अपर पुलिस अधीक्षक सहित पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।