कनाडा में कृपाण पर पाबंदी की मांग की आलोचना
टोरंटो, 21 जनवरी (आईएएनएस)। कनाडा में विपक्षी दल 'न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी'(एनडीपी) ने चार सिख सदस्यों को धार्मिक प्रतीक 'कृपाण' के साथ क्यूबेक प्रांतीय असेंबली में प्रवेश से रोके जाने और इस पर पाबंदी की मांग की गुरुवार को आलोचना की।
एनडीपी नेता जैक लेटॉन ने कहा, "यह कनाडा के धार्मिक विश्वासों के साथ राजनीति करने से रोकने का समय है। सहिष्णुता और समझदारी कनाडा की प्रतिष्ठा है। हमें मिलकर इसे बनाए रखना चाहिए।"
रिपोर्ट के अनुसार चारों सिख सदस्य कृपाण और हिजाब जैसे धार्मिक प्रतीकों को धारण करने सम्बंधी एक विधेयक पर चर्चा के लिए असेंबली की एक समिति के सामने पेश होने के लिए गए थे। इन सदस्यों के पास 'कृपाण' होने पर सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें बाहर ही रोक लिया।
वर्ष 2006 में सिखों के पांच धार्मिक प्रतीकों को धारण करने वाले कानून को संसद में पारित कराने में लेटॉन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने कहा, "मैं सदन में सिखों के कृपाण धारण करने पर पाबंदी लगाने की राजनीतिक पार्टी ब्लॉक क्यूबेकोइज की मांग से निराश हूं। यह अजीब विडम्बना है कि पार्टी ने सिखों के कृपाण सहित पांच धार्मिक प्रतीकों को धारण करने सम्बंधी एनडीपी के प्रस्ताव का सर्मथन किया था। मैं पार्टी के नजरिए में आए अचानक बदलाव से बेहद दुखी हूं।"
लेटॉन ने कहा, "कृपाण एक ऐसी वस्तु जिसे सिख धार्मिक प्रतीक के रूप में धारण करते हैं। यह हथियार नहीं है। यह उन पांच धार्मिक प्रतीकों में शामिल है जिसे सिखों को धारण करना होता है।"
विपक्षी नेता ने कहा, "सिख समुदाय के लोग कनाडा में पिछले 100 सालों रह रहे हैं और उनका देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। हम उनके साथ खड़े रहेंगे।"
वहीं मीडिया में भी इस घटना की आलोचना हो रही है। समाचार पत्र 'ग्लोब' और 'मेल' ने भी ब्लॉक क्यूबेकोइज के धार्मिक प्रतीकों पर पाबंदी के मांग की अलोचना की है।
गौरतलब है कि कनाडा में बुधवार को कृपाण का मामला एक बार फिर उस समय गरम हो गया जब चार सिख सदस्यों को कृपाण के साथ क्यूबेक प्रांतीय असेंबली में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।