पेट्रोल मूल्यवृद्धि के अलावा विकल्प नहीं : देवड़ा
देवड़ा ने समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन से बातचीत में कहा कि पेट्रोल मूल्यवृद्धि का फैसला तेल कंपनियों ने लिया है। ये नवरत्न कंपनियां हैं और भारी घाटे में चल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में हो रही वृद्धि के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कम्पनियों ने 16 जनवरी से पेट्रोल और विमान ईंधन की कीमत में लगभग चार से दो फीसदी की वृद्धि कर दी। इस तरह पेट्रोल अब करीब 2.50 रुपये महंगा हो गया।
तीन कम्पनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) ने अपने पेट्रोल की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर से 2.54 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि कर दी है।
देवड़ा ने कहा कि वह मंगलवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलेंगे और उनसे पेट्रोलियम पदार्थो से आयात एवं उत्पाद शुल्क उठा लेने का आग्रह करेंगे जो पिछले बजट में लगाया गया था।
ज्ञात हो कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगभग 100 रुपये प्रति बैरल पर पहुंच गई है। देश में तेल ईंधन की जरूरत के 80 फीसदी हिस्से का आयात किया जाता है।
पिछले साल जून में सरकार ने पेट्रोल कम्पनियों को बाजार की स्थिति को देखते हुए तेल की कीमत तय करने का अधिकार दे दिया था। तेल वितरण कम्पनियों ने 16 दिसम्बर के बाद से पेट्रोल की कीमत में तीन रुपये तक की वृद्धि कर दी है।
उधर विमान ईंधन की कीमत 16 जनवरी से दो फीसदी बढ़कर 48,764 रुपये प्रति किलो लीटर हो गई।
अक्टूबर, 2010 के बाद से अब तक तेल कम्पनियों ने विमान ईंधन की कीमत में सात बार वृद्धि कर दी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।