बालिग लड़की को अपना रास्ता चुनने का अधिकार : न्यायालय
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस.एन. ढींगरा ने कहा, "उसकी अवस्था 18 साल से अधिक है। उसने एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ अपना जीवन बिताने का फैसला स्वयं किया है। यह उसका जीवन है और यह न्यायालय इस मामले में उसे कुछ नहीं कह सकता।"
न्यायमूर्ति ने कहा, "उसने जो रास्ता चुना है, वह उसके माता पिता की नजरों में सही न हो लेकिन उसे इस बात के लिए प्रताड़ित नहीं किया जा सकता कि वह अपने माता पिता का घर छोड़ एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ रहने लगी।"
न्यायालय ने लड़की के माता पिता से कहा, "आप उसके जीवन का फैसला नहीं कर सकते।"
न्यायालय ज्योति शर्मा (काल्पनिक नाम) और अरूप यादव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। ज्योति अरूप के साथ रहती है।
ज्योति ने न्यायालय से अपने माता पिता से सुरक्षा देने की मांग की है। वह अपने माता पिता की इच्छाओं के खिलाफ एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ पूर्वी दिल्ली में रहती है।
न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए पुलिस को भविष्य में इस तरह की शिकायतें मिलने पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।