तिरंगा फहराने की भाजपा की योजना से राज्य सरकार निपटेगी
जम्मू। जम्मू एवं कश्मीर सरकार को श्रीनगर के लालचौक पर 26 जनवरी को तिरंगा फहराने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की योजना और परिणामों से राज्य सरकार को निपटना होगा हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए हरसम्भव सहायता उपलब्ध कराने का वायदा किया है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने उमर अब्दुल्ला सरकार से कहा है कि भाजपा की राष्ट्रीय एकता यात्रा के कारण उपज रहे हालात से निपटने के लिए वह अपनी रणनीति बनाएं। इस यात्रा के गणतंत्र दिवस पर श्रीनगर पहुंचने की सम्भावना है।
एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "केंद्र सरकार राज्य सरकार को हर तरह की सहायता देगी, लेकिन कुल मिलाकर इन हालात से सिर्फ राज्य सरकार को ही निपटना होगा।"उमर भाजपा की प्रस्तावित यात्रा के खिलाफ हैं। उन्होंने इस पर ऐतराज जताते हुए आशंका व्यक्त की है कि भाजपा के इस कदम से घाटी में गम्भीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।उन्होंने पहले चेतावनी दी थी कि इसके परिणामों के लिए भाजपा अकेले जिम्मेदार होगी।
घाटी के अलगाववादियों ने भाजपा की योजना के प्रति कड़ा विरोध दर्ज किया है। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूख ने भी इसी दिन 'मार्च टू लाल चौक ' का आह्वान किया है।जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को ध्वज फहराने से रोकने की चेतावनी दी है, लेकिन भाजपा ने कहा है कि वह अपनी योजना पर अमल करेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ बहुत कड़ी कार्रवाई पर विचार कर रही है क्योंकि वह घाटी की शांति को भंग नहीं होने देना चाहती।भाजपा की राष्ट्रीय एकता यात्रा बुधवार को कोलकाता से शुरू हुई और भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के अगुवाई में इसके कार्यकर्ता 26 जनवरी को लाल चौक पर तिरंगा फहराने की ख्वाहिश रखते हैं।