बांदा बलात्कार मामला : पीड़त लड़की की रिहाई के आदेश (लीड-1)
अवकाश होने के बावजूद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति सतीश अग्रवाल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने राज्य सरकार को पीड़ित लड़की की रिहाई के साथ ही लड़की और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। पीड़ित लड़की फिलहाल बांदा जेल में बंद है।
उल्लेखनीय है कि बांदा के नरैनी क्षेत्र के शहबाजपुर गांव की एक लड़की ने बसपा विधायक और उसके साथियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। आरोपी विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। विधायक फिलहाल बांदा जेल में बंद है।
अदालत के आदेश की जानकारी होने के तत्काल बाद राज्य सरकार के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि लड़की को तत्काल रिहा करने के निर्देश दिए जा रहे हैं, क्योंकि सीबी-सीआईडी की जांच में उसे बेकसूर पाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दोषी पुलिस वालों पर भी कार्रवाई करेगी।
इससे पहले बसपा प्रमुख एवं मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को इस प्रकरण को त्वरित अदालत में ले जाने का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा रहा है कि द्विवेदी और उनके साथियों ने पीड़ित लड़की को चोरी के झूठे आरोप में फंसाने का षड्यंत्र रचा है।
लखनऊ के डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में आयोजित अपने जन्मदिवस समारोह के बाद संबोधन में मायावती ने कहा, "मेरी सरकार सत्ता व विपक्ष में बैठे किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को कानून से खिलवाड़ नहीं करने देगी। जहां तक बांदा प्रकरण की बात है तो इसे सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है, जिसकी फिलहाल सीबी-सीआईडी से जांच चल रही है।"
उन्होंने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि सीबी-सीआईडी इस बात की तह में जरूर जाएगी कि आरोपी विधायक और उनके साथियों ने अपनी घिनौनी हरकतों को छिपाने के लिए कहीं पीड़ित लड़की के ऊपर चोरी का गलत आरोप तो नहीं लगाया है।"
मायावती ने कहा कि हालांकि इस मामले में लड़की के अभी तक के बयानों से उस पर चोरी का लगाया गया आरोप विधायक और उनके साथियों का अपनी गलती छुपाने के लिए एक रचा गया षड्यत्र प्रतीत हो रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जांच में यदि यह सब सच पाया गया तो लड़की के साथ हुए बलात्कार के साथ-साथ उस पर चोरी का आरोप लगाने के लिए भी विधायक और उनके साथियों को कड़ी सजा मिलेगी।
इस मामले में शुरू से ही संदेह के घेरे में रही पुलिस को चेतावनी देते हुए मायावती ने कहा कि जांच की रिपोर्ट आने पर पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उन्होंने चोरी प्रकरण की पूरी जांच पड़ताल किए बिना ही जल्दबाजी में लड़की को चोरी के इल्जाम में जेल भिजवा दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।