देश छोड़कर भागे ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार ट्यूनीशिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गनूची ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर बताया कि बेन अली देश छोड़कर चले गए हैं और गनूची सेना की मदद से अस्थाई रूप से देश की कमान संभालेंगे।
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि बेन अली को देश छोड़ने पर मजबूर किया गया है या वह खुद ही देश छोड़ने पर सहमत हुए।
मुख्य विपक्षी दल 'प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक पार्टी' की महासचिव माया जरीबी ने कहा, "तानाशाही के जाने के बाद ट्यूनीशिया के इतिहास का काला और रक्तरंजित अध्याय खत्म हो गया है।"
उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि ट्यूनीशिया को लोकतंत्र और स्वतंत्रता के सही रास्ते पर लाने के लिए तुरंत गठबंधन सरकार का गठन किया जाय।"
इस खबर के फैलने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से ट्यूनीशियाई लोगों से जहां तक सम्भव हो सके शांतिपूर्ण तरीके से एक नई सरकार का गठन करने का आह्वान किया जा रहा है।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने शुक्रवार रात कहा, "अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि जहां तक हो सके समस्या को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए और कम से कम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़े।"
गौरतलब है कि राष्ट्रपति हबीब बौरगुइबा का तख्तापलट करने के बाद 74 वर्षीय अली बेन 1987 में राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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