उत्साह, उमंग के साथ मनाया गया पोंगल
इस चार दिवसीय फसलों के त्योहार में बारिश, सूर्य और खेतीहर जानवरों का शुक्रिया अदा किया जाता है। यह एक तरह से लघु दीपावली जैसा होता है, जिसमें सिर्फ आतिशबाजी नहीं होती।
पोंगल तमिल महीने 'थाई' के पहले दिन मनाया जाता है इसलिए इसे 'थाई पोंगल' भी कहते हैं। इस दिन लोग तड़के ही उठ जाते हैं और नए कपड़े पहनकर मंदिर जाते हैं, जहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
लोग पारम्परिक व्यंजन बनाते हैं। 'चकारई पोंगल' के साथ 'वेन पोंगल' भी बनाया जाता है। 'वेन पोंगल' चावल, दाल, घी और तले हुए काजू से बनाया जाता है। जब उबलते दूध में कच्चे चावल और दाल डाली जाते हैं तो लोग जोर-जोर से 'पोंगोलो पोंगल, पोंगोलो पोंगल' बोलते हैं।
कुछ घरों में पूजा के दौरान शंख बजाया जाता है। शनिवार को तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में कुछ लोगों ने तमिल नव वर्ष मनाया। वैसे सामान्य रूप से तमिल नव वर्ष 14 अप्रैल को मनाया जाता है, इस दिन से तमिल महीना चिथिरई शुरू होता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।