टीआरपी मुद्दे पर समिति ने रिपोर्ट सौंपी
नई दिल्ली। टीआरपी आकलन की समीक्षा करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। समीक्षा रिपोर्ट फिक्की के महासचिव डा़ अमित मित्रा ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर नीरजा चौधरी और राजीव मेहरोत्रा उनके साथ थे।
टेलीविजन रेटिंग प्वाईंट्स (टीआरपी) के बारे में सरकार को शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि उसमें कई प्रकार की खामियां हैं, जिसके कारण सरकार ने उसका आकलन करने का निर्णय किया था। टीआरपी का टेलीविजन चौनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों पर खासा प्रभाव होता है। इसलिए जरूरत इस बात की होती है कि इस प्रणाली में जवाबदेही, पारदर्शिता और वस्तुनिष्ठता हो, क्योंकि गलत और गुमराह करने वाली रेटिंग से बड्रकास्टरों और विज्ञापनदाताओं के अलावा दर्शकों का भी नुकसान होता है।
रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के अवसर पर सोनी ने कहा कि इस रिपोर्ट से देश की टीआरपी प्रणाली की समीक्षा करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि समिति ने टीआरपी की पूरी कार्यप्रणाली की समीक्षा की है और मंत्रालय समिति की सिफारिशों पर विचार करेगा। समिति के अध्यक्ष डा. अमित मित्रा ने कहा कि समिति को जो अधिकार प्रदान किए गए थे, उसके आधार पर समिति ने प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए उचित उपाय सुझाए हैं।
याद रहे कि टीआरपी कार्यप्रणाली भारत में निजी वर्ग करता है, इसलिए सरकार टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की विषयवस्तुओं से संबंधित टीआरपी के महत्व और जिम्मेदारियों को समझती है। मंत्रालय ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से टीआरपी संबंधी सिफारिशों के लिए आग्रह किया था। उसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फिक्की के महासचिव डा़ अमित मित्रा की अध्यक्षता में इसी मुद्दे पर पांच मई, 2010 को एक स्वतंत्र समिति का गठन किया था।