भारत की अपनी उपग्रह निगरानी प्रणाली होगी : इसरो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सुरेश वी. किबे ने बुधवार को यहां बताया, "आईआरएनएसएस सात उपग्रहों का एक समूह है। पीएनटी सेवाएं देने के लिए इसकी संख्या बाद में बढ़ाकर 11 की जाएगी। ताकि इसकी सेवाओं का इस्तेमाल विश्व भर की संस्थाओं और क्षेत्रीय स्तर पर किया जा सके।"
कट्टनकुलाथुर के समीप एसआरएम विश्वविद्यालय में आयोजित 98वें भारतीय अंतरिक्ष कांग्रेस को सम्बोधित करते हुए किबे ने कहा कि विश्व में दो परिचालन अंतरिक्ष निगरानी प्रणाली हैं।
इनमें से एक अमेरिका का 'ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम' (जीपीएस) और दूसरा रूस का 'ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम' (ग्लोनास) है।
उन्होंने कहा कि यूरोप का गैलिलियो प्रणाली और चीन की कॉमपास प्रणाली को अगले पांच से दस सालों में शुरू हो जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि पीएनटी सेवाओं का इस्तेमाल मोबाइल फोन, वाहनों, उड्डयन, समुद्री, आपातकालीन सेवाओं, सर्वेक्षण और सेना में किया जा रहा है।
किबे ने बताया कि अगले दस वर्षो में निगरानी उपग्रहों की संख्या 100 के करीब होने की उम्मीद है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।