वन अधिनियम में बदलाव चाहते हैं जयराम
एक सेमिनार के उद्घाटन के दौरान रमेश ने कहा, "स्थानीय समुदाय के लोगों का वनों में आर्थिक भागीदारी बढ़ने की वजह से जंगलों के क्षरण को रोका जा सकेगा।"
उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों और वन अधिकारियों के बीच विवादों के मद्देनजर कानून को और सरल बनाने के लिए सरकार भारतीय वन अधिनियम-1927 में बदलाव करने पर विचार कर रही है।"
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के साथ इस कानून में भी बदलाव किया जाना है।
रमेश ने कहा, "वन अधिकार अधिनियम 2006 में निहित प्रावधानों के मुताबिक स्थानीय समुदायों को और अधिकार देने के लिए हम जंगलों को सरकार के नियंत्रण से बाहर रखना चाहते हैं।"
हालांकि रमेश ने यह साफ किया कि वन अधिकार कानून का मॉडल का मतलब राज्य की भूमिका को नकारना नहीं है।
उन्होंने कहा, "वनों का संरक्षण करने वाले समुदायों में क्षमता विकास की जिम्मेदारी सरकार की है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।