राजस्थान सरकार: गुर्जर भेजें अपना प्रतिनिधिमंडल
राज्य सरकार के गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे अपना प्रतिनिधिमंडल भेजें, ताकि बातचीत शनिवार को किसी समय शुरू हो सके।" मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलन का कोई उचित समाधान निकालने की कोशिश में शुक्रवार की रात गुर्जर नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व कांग्रेस विधायक हरिसिंह महुआ ने किया था।
गहलोत ने प्रतिनिधिमंडल और अपने कैबिनेट सहयोगी जीतेंद्र सिंह से अनुरोध किया था कि गुर्जर समुदाय के सदस्यों और कर्नल (सेवानिवृत्त) के.एस.बैंसला के साथ बातचीत के बाद समस्या का कोई समाधान निकालें। जीतेंद्र सिंह इस मामले के लिए गठित तीन मंत्रियों की समिति के सदस्य हैं। गहलोत ने कहा, "हम गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
ज्ञात हो कि शुक्रवार को गुर्जरों और राजस्थान सरकार के मंत्रियों की समिति के बीच उस समय एक नया पेंच पैदा हो गया, जब आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों पर कांग्रेस सरकार में शामिल गुर्जर समुदाय के नेताओं से प्रतिक्रिया मांगी। बैंसला ने कहा कि आगे की बातचीत तभी होगी, जब सत्ताधारी कांग्रेस में शामिल गुर्जर नेता इन मांगों पर सरकार से बातचीत करें और उसके परिणाम के बारे में आंदोलनकारियों को बताएं।
बैंसला ने कहा, "मैं प्रतिनिधिमंडल भेजने को तैयार हूं, लेकिन उसके पहले हम कांग्रेस में शामिल सचिन पायलट (केंद्रीय संचार राज्य मंत्री) और जीतेंद्र सिंह (राज्य ऊर्जा मंत्री) जैसे गुर्जर नेताओं की इस मुद्दे के समाधान के प्रति प्रतिक्रिया जानना चाहेंगे।" गुर्जर समुदाय, तीन सदस्यीय मंत्रियों की समिति के साथ बातचीत के लिए 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने पर गुरुवार को सहमत हुआ था। तीन सदस्यीय मंत्री समिति में जीतेंद्र सिंह, राज्य के गृह मंत्री शांति धारीवाल और परिवहन मंत्री बी.के.शर्मा शामिल हैं।
आंदोलनकारियों ने भी कहा था कि गुरुवार को भरतपुर जिले के करवाडे में गुर्जर प्रतिनिधिमंडल और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई थी। राजस्थान सरकार के शहरी विकास मंत्रालय में प्रमुख सचिव, जी.एस.संधू ने कहा था, "बातचीत सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई थी। हमें आशा है कि समस्या का कोई उचित समाधान निकल आएगा।" दूसरी ओर आंदोलन के जारी रहने के कारण दिल्ली और मुम्बई के बीच रेल सेवाएं शनिवार सुबह भी प्रभावित रहीं। गुर्जर आंदोलनकारी भरतपुर जिले में बयाना के पास रेल पटरी पर लगातार धरने पर बैठे हुए हैं।