वार्ता थमी, गुर्जर चाहते हैं कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया (लीड-1)

By Staff
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गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक सेवानिवृत्त कर्नल के.एस. बैंसला ने सरकारी नौकरियों में पांच फीसदी आरक्षण के लिए किए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व करते हुए कहा कि आगे की वार्ता तभी शुरू हो सकती है, जब सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल गुर्जर नेता मांगपत्र पर सरकार से बातचीत करेंगे और उसका निष्कर्ष आंदोलनकारियों को बताएंगे।

बैंसला ने शुक्रवार को कहा, "12 दिन से चल रहे हमारे विरोध प्रदर्शन का समाधान तलाशने के लिए फिर वार्ता शुरू होने से पहले ये नेता हस्तक्षेप करें।"

उन्होंने कहा, "वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने को मैं तैयार हूं, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि इस मुद्दे के प्रति केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट और गहलोत सरकार के ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह सहित कांग्रेस के गुर्जर नेताओं की प्रतिक्रिया क्या है।"

ज्ञात हो कि गुरुवार को गुर्जर नेताओं ने तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति के साथ वार्ता के लिए 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जयपुर भेजने का निर्णय लिया था। इस समिति में राज्य के ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह, गृह मंत्री शांति धारीवाल तथा परिवहन मंत्री बी.के. शर्मा शामिल हैं।

आंदोलन का नेतृत्व कर रही गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता रूप सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "हम सरकार और हमारे समुदाय के कांग्रेसी नेताओं की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। प्रतिक्रिया मिलते ही हम प्रतिनिधिमंडल को भेजेंगे।

आंदोलनकरियों ने कहा कि गुर्जर प्रतिनिधिमंडल और प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों के बीच गुरुवार को भरतपुर जिले के करवाड़े में हुई वार्ता सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण रही।

उन्होंने कहा, "हम कई मुद्दों पर सरकार के नजरिए से संतुष्ट हैं जिसमें गुर्जरों पर दर्ज मामले वापस लेने और पुलिस की गोलीबारी में मारे गए गुर्जरों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने के मुद्दे शामिल हैं लेकिन पांच प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे का समाधान होना अभी बाकी है।"

राजस्थान सरकार के शहरी विकास मुख्य सचिव जी. एस. संधू ने गुरुवार को कहा था, "बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। हम जल्द ही इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकलने के प्रति आशान्वित हैं।"

राज्य का गृह मंत्रालय देख रहे संधू गुर्जर समुदाय से बातचीत के लिए नियुक्त किए गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, "हमने प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट कर दिया है कि सरकार पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन उच्च न्यायालय के फैसले को देखते हुए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा।"

उन्होंने करवाड़े गांव में हुई बातचीत को 'सकारात्मक' बताया।

सरकार ने इससे पहले गुर्जरों से कहा था कि उच्च न्यायालय ने एक वर्ष का समय दिया है, लेकिन वह जितनी जल्द संभव हो, इस मुद्दे का हल करना चाहती है।

एक अधिकारी ने कहा, "सरकार गुर्जर समुदाय को पहले से ही एक फीसदी आरक्षण दे रही है और अब उन्हें चार फीसदी तक आरक्षण देने का मन बना चुकी है।"

उल्लेखनीय है कि गुर्जर समुदाय सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर 20 दिसम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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