पानी से चलेगी कार, अनुसंधान के लिए टाटा ने दिए 150 लाख डॉलर
प्रमुख वैज्ञानिक सी.एन.आर.राव ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "एमआईटी के प्रोफेसर डेनियल नोसेरा द्वारा किए जा रहे अनुसंधान के लिए टाटा ने 150 लाख डॉलर दिए हैं। इस परियोजना में पानी के अणु को तोड़कर उसमें से हाइड्रोजन को अलग करना और आटोमोबाइल चलाने के लिए उसे एक सुरक्षित बर्तन में जमा करना शामिल है।" नोसेरा के पास इस अनुसंधान का पेटेंट है।
टाटा और नोसेरा ने एक ऐसे बर्तन की प्रोटोटाइप तैयार करने के लिए एक नई कम्पनी स्थापित करने की योजना बनाई है, जो हाइड्रोजन को संकुचित रूप में जमा कर सके और उसे एक वैकल्पिक ईंधन के रूप में किसी कार में फिट किया जा सके।
राव ने कहा, "चूंकि पानी से अपनी कार चलाना टाटा का अंतिम सपना है, लिहाजा वह इस परियोजना को कोष उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि इस नई प्रौद्योगिकी पर उनका नियंत्रण हो सके। वह प्रोटोटाइप विकसित करने वाली कम्पनी से भी जुड़े होंगे। इस प्रोटोटाइप में पानी को गर्म करने के लिए और ईंधन के रूप में हाइड्रोजन पैदा करने के लिए एक उत्प्रेरक लगा होगा।"
राव, प्रधानमंत्री के विज्ञान सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, "घट रहे जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में निम्न लागत वाला ऊर्जा समृद्ध और पर्यावरण अनुकूल ईंधन विकसित करना एक चुनौती है। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में पानी और हाइड्रोजन वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों को घटाने में हमारी मदद कर सकते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।