रामदेव को शून्य से कम तापमान में योग करने की चुनौती
अरविंद मिश्रा
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश), 31 दिसम्बर (आईएएनएस)। बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच खुले बदन योग क्रियाएं करने वाले उत्तर प्रदेश के एक पर्वतारोही एवं योग प्रशिक्षक ने प्रख्यात योगगुरु बाबा रामदेव को उसी तापमान और मौसमी दशाओं में योग करने की चुनौती दी है।
बाराबंकी जिले के शरीफाबाद निवासी अजय कुमार वाजपेयी का कहना है कि बाबा रामदेव भी उन्हीं की तरह शून्य से कम तापमान में खुले बदन सारी दुनिया के सामने योग क्रियाएं करके दिखाएं। वाजपेयी भारतीय पर्वतारोही फाउंडेशन (आईएमएफ) में लाइजन आफिसर भी हैं। उनका दावा है कि उन्होंने हाल ही में लद्दाख स्थित पर्वतारोहण के प्रमुख केंद्र कुन की पहाड़ी (समुद्र तल से करीब 14,000 फुट ऊंचाई ) पर शून्य से कम तापमान में आधे घंटे तक योग क्रियाएं की हैं।
वाजपेयी कहते हैं, "मेरी तरफ से बाबा रामदेव को यह खुली चुनौती है। हम दोनों के बीच खुले बदन लद्दाख जैसे सबसे कम तापमान वाले स्थान पर योग प्रतियोगिता आयोजित की जाए। बाबा रामदेव से मेरा विनम्र अनुरोध है कि वह मेरी चुनौती को खेल भावना की तरह लें।"
उन्होंने कहा, "मैं बाबा रामदेव का बहुत सम्मान करता हूं। योग को देश-दुनिया में बढ़ावा देने में उनकी बड़ी भूमिका है। मेरा आशय उनकी बराबरी करना या उन्हें नीचा दिखाना नहीं है। इस चुनौती का मकसद यही है कि योग की अनोखी और जटिल क्रियाएं लोगों के सामने आएं।"
वाजपेयी ने कह, "इस संदर्भ में मैंने बाबा को पत्र भेज दिया है। मुझ्झे पूरा यकीन है कि वह मेरी चुनौती को स्वीकार करेंगे और लोगों को हमारे बीच होने वाली प्रतियोगिता से योग की कुछ अनोखी क्रियाएं देखने का मौका मिलेगा।"
वाजपेयी ने योग प्रशिक्षक के तौर पर चीन और बैंकॉक की कम्पनियों में अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने इसी वर्ष अक्टूबर में 30 मिनट की योग क्रियाएं उस दौरान की थीं, जब वह आस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड और जर्मनी के नागरिकों के साथ एक पर्वतारोहण अभियान दल के सदस्य थे।
वह कहते हैं कि वह एक पर्वतारोहण प्रशिक्षक हैं और भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने उन्हें कई बार विदेशों से आने वाले अभियान दल के साथ पर्वतारोहण, ट्रैकिंग एवं अन्य रोमांचकारी खेलों के लिए भेजा है। अभियान दल के ही एक सदस्य ने बर्फ से ढकी पहाड़ी पर उनके द्वारा खुले बदन की गईं योग क्रियाओं को फिल्माया है।
वाजपेयी ने उत्तराखण्ड स्थित हिमालय पर्वतारोहण संस्थान से पर्वतारोहण में एक एडवांस कोर्स कर किया है। वह कहते हैं, "जहां तक योग की बात है, मैं इसे बचपन से कर रहा हूं, लेकिन योग प्रशिक्षक बनने के लिए मैंने 1995 में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित शिवनंदा योग वेदांता केंद्र में बकायदा प्रशिक्षण लिया है।"
यह पूछे जाने पर कि शून्य से कम तापमान में योग करने की प्रेरणा उन्हें कैसे मिली, वाजपेयी ने कहा, "पर्वतारोहण और योग शुरुआत से ही मेरा जुनून रहे हैं। मैं हमेशा से दोनों ही विधाओं में कुछ अलग करने के बारे में सोचता था। लद्दाख में किए गए योग की तरह मैं भविष्य में ऐसे कई और चुनौतीपूर्ण कार्य करना चाहता हूं। ऐसे कृत्यों का प्रदशर्न करने के लिए नियमित ध्यान (मेडिटेशन) और साधना की जरूरत होती है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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