कारों को मिलेगी स्टार रेटिंग!

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नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (आईएएनएस)। आपकी कार पर्यावरण के अनुकूल है या नहीं और साथ ही वह ईंधन की खपत और बचत को लेकर बनाए गए मानकों पर खरी उतरती है या नहीं, इस बात का पता अगले वर्ष चल जाएगा।

कारों की इस विशेषता को उजागर करने के लिए सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को स्टार-लेबल देने का फैसला किया है। इस लेबल के मुताबिक यह जानकारी प्राप्त की जा सकेगी कि किस कम्पनी की कार ईंधन की खपत सम्बंधी मानकों का पालन करती है।

ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली प्रमुख संस्था-द ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफिशिएंसी (बीईई) ने सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय के साथ मिलकर कारपोरेट एवरेज फूएल इफिशिएंसी नाम की एक योजना तैयार की है, जिसके माध्यम से देश में बनने वाली कारों की विशेषताओं को जाना जा सकेगा।

बीईई के महानिदेशक अजय माथुर ने आईएएनएस को बताया, "हम इस बात पर सहमत हो गए हैं कि किस आधार पर कारों के निर्माताओं को स्टार लेबलिंग दी जाएगी। हम जल्द ही इस योजना को शुरू करने जा रहे हैं।"

बीईई का मानना है कि इस योजना को लागू करने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा। बीईई ने इस सम्बंध में प्रधानमंत्री कार्यालय के दिशा-निर्देशों का भी पालन किया है। यह काम ऊर्जा संवर्धन अधिनियम के अंतर्गत किया गया है।

कारों से पहले सरकार ने फ्रॉस्ट-फ्री रेफ्रिजरेटरों, ट्यूबर फ्लोरेसेंट लैम्पों, कमरों के लिए तैयार वातानुकून संयंत्र, डायरेक्ट कूल रेफ्रिजरेटर, ड्रिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉरमर, इन्डक्शन मोटर, पम्प सेट, सीलिंग फैन, एलपीजी, इलेक्ट्रिक गीजर और कलर टीवी पर 2006 में ही स्टार लेबलिंग लगाने का काम शुरू कर दिया था।

कारों के संदर्भ में स्टार लेबल नियम थोड़ा कड़ा होगा क्योंकि इसी के आधार पर इनकी कीमत तय की जाएगी। एक निश्चित समय के बाद जिन कारों पर स्टार लेबल नहीं लगा होगा, उनकी बिक्री नहीं की जा सकेगी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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