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भारतीय भाषाओं पर केंद्रित होगा जयपुर साहित्य महोत्सव

By Super
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नई दिल्ली, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)। जयपुर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला साहित्य महोत्सव इस बार भारतीय भाषाओं पर केंद्रित होगा, साथ ही इसमें साहित्यिक ई-ब्लॉगरों की बढ़ती संख्या पर भी प्रकाश डाला जाएगा। यह जानकारी एक आयोजक ने यहां दी।

महोत्सव की समन्वयक और लेखिका नमिता गोखले ने आईएएनएस को बताया कि 21 से 25 जनवरी तक चलने वाले इस महोत्सव में पूर्वोत्तर भारत, कश्मीर, चीन और मध्य पूर्व की मजबूत सामाजिक सामग्रियों वाली रचनाओं पर भी नजर डाली जाएगी।

गोखले ने कहा, "इस वर्ष महोत्सव में स्थानीय भारतीय भाषाओं, खासतौर से हिंदी में घटित नई घटनाओं पर प्रकाश डालने की कोशिश की जाएगी।"

महोत्सव में एक दर्जन से अधिक भारतीय भाषाओं पर प्रकाश डाला जाएगा। इसमें हिंदी, उर्दू, संस्कृति, तमिल, बांग्ला, असमिया, उड़िया, गुजराती, मलयालम, कश्मीरी, पंजाबी, नेपाली, भोजपुरी और राजस्थानी भाषाएं शामिल होंगी।

गोखले ने कहा, "2011 का जयपुर महोत्सव एक साहित्य महोत्सव के बजाए मस्तिष्क महोत्सव अधिक है, क्योंकि साहित्यिक बहसों के लिए रखे गए मुद्दे उत्तेजक हैं, यद्यपि वे किताबों व लेखकों से जुड़े हैं।"

गोखले इस भारी भरकम महोत्सव को लेखक विलियम डेलरिम्पल और टीमवर्क प्रोडक्शन के साथ मिल कर आयोजित करती हैं।

महोत्सव में दुनिया भर से 210 से अधिक लेखकों के आने की सम्भावना है। इसमें जे.एम.कोएत्जी और ओरहान पामुक जैसे दो नोबेल पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं।

इसके अलावा इस महोत्सव में नोबेल पुरस्कार के लिए नामित मध्य पूर्व के डॉक्टोरे इज्‍जोलदिन अबुएलैश, जय मैक्इनर्नी, बेन मैक्इंतिरे, रिचर्ड फोर्ड, जुनोट डियाज, केंडेक बुशनेल ('सेक्स एंड द सिटी' के लेखक), मोहसिन हामिद, पैट्रिक फ्रेंच, रोरी स्टेवार्ट, शेल्डन पोलॉक, विक्रम सेठ और अंग्रेजी व स्थानीय भारतीय भाषाओं के कई अन्य चर्चित लेखक हिस्सा लेंगे।

गोखले ने कहा कि महोत्सव में पिछले छह वर्षो से एक महत्वपूर्ण रुझान यह दिखाई दिया है कि देश में घरेलू लेखन का प्रभाव बढ़ रहा है, स्थानीय भाषाओं में और अनुवाद में भी।

गोखले ने कहा, "मैं महोत्सव में देख रही हूं कि अधिक से अधिक भारतीय रचनाएं आ रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय लेखन और भारतीय लेखन के बीच की दीवारें टूट रही हैं। मैं समझती हूं कि साहित्यिक ब्लॉग्स मुख्यधारा के साहित्यिक महोत्सवों और प्रकाशित पुस्तकों की दुनिया के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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