प्याज तो तबाह, अब आलू के लिए करें प्रार्थना
लखनऊ के कृषि वैज्ञानिक डा. केबी त्रिवेदी से ने वनइंडिया से बातचीत में बताया कि फिलहाल तो मौसम का रुख सही दिखाई दे रहा है, लेकिन चूंकि पछुआ हवाएं चलना शुरू हो चुकी हैं, लिहाजा फसलों पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है। अगर मौसम सामान्य रहा, यानी दिन में धूप रात में ठंड व कोहरा, तो इस साल गेहूं, आलू और मटर की अच्छी फसल होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इन फसलों की बुवाई के दौरान मौसम अनूकूल रहा है।
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वहीं अगर दिसंबर की बारिश की बात करें तो अगर बारिश सामान्य रही, तो भी सब ठीक है, लेकिन अगर ज्यादा हुई या फिर पाला पड़ गया और या फिर सुबह से लेकर शाम तक बदली छायी रही, तो इन फसलों के बर्बाद होने का खतरा पैदा हो सकता है। चूंकि उचित मात्रा में सूर्य का प्रकाश न मिलने पर पौधों पर नमी बनी रहेगी, जिससे उन पर कीट लग जाएंगे। और अगर ओले गिर गए तो फसलों को कोई नहीं बचा सकता है।
डा. त्रिवेदी की इस बात से यह साफ है कि आने वाले समय में गेहूं, आलू, टमाटर और मटर के दाम अगले दस-पंद्रह दिन के मौसम पर निर्भर करेंगे। यही नहीं आपका घरेलू बजट भी काफी हद तक इस पर निर्भर करेगा।