आखिर गुर्जर नाराज क्यों है?
दरअसल गुर्जर आज से नहीं कई सालों से सराकरी नौकरी में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे थे, जिसे वसुंधरा सरकार ने अपने साम्राज्य में मंजूरी भी दे दी थी। हालांकि वसुंधरा सरकार के जाने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री बने कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भी गुर्जरों की इस मांग का समर्थन किया था, जिसके चलते गुर्जरों को 54 प्रतिशत आरक्षण की बात सामने आ गई थी, जिस पर की सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी, कोर्ट का कहना था कि किसी को भी सरकारी नौकरी के मामले में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं मिल सकता है ।
इसलिए गुर्जरों को एक प्रतिशत आरक्षण की मंजूरी दी गई थी। जिसके बाद भी गुर्जरों की मांग जारी है, उनका कहना है सरकार इस एक प्रतिशत आरक्षण की भी ठीक से भरपाई नहीं कर पा रही है, उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। इसलिए वो एक बार फिर से मुखर होते हुए भी अपनी पुरानी पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग पर टिक गये है।
आईये जानते है कि कब-कब हुआ गुर्जर आंदोलन
3 सितम्बर 2006 : हिण्डौनसिटी रेलवे स्टेशन पर गुर्जरों का प्रदर्शन, पटरियों पर बैठे।
29 मई 2007 : पाटोली में चक्काजाम के दौरान फायरिंग
2 अक्टूबर 2007 : जेल भरो आंदोलन
5 अक्टूबर 2007 : बयाना के पास फतेहसिंहपुरा प्लेग स्टेशन के पास पटरियां उखाड़ी।
23 मई 2008 : पीलूपुरा (बयाना) में रेलवे ट्रेक पर पड़ाव
26 जुलाई 2009 : पेंचला मोड पर लगाया जाम
17 दिसम्बर 2010 : पांचना बांध पर महापंचायत फिर आंदोलन की घोषणा
18 दिसम्बर 2010 : गढ़मोरा में महापंचायत दूसरे गुट की महापंचायत
19 दिसम्बर 2010 : अरनिया में पड़ाव
20 दिसम्बर 2010 : पीलूपुरा (बयाना) के पास रेलवे ट्रेक पर पड़ाव