राहुल ने बताया, कौन है 'आम आदमी'
उन्होंने अपने भाषण में 'आम आदमी' की पहचान कुछ इस तरह की।
-उड़ीसा के नियामगिरि में जनजाति समुदाय का वह लड़का जिसे बिना न्याय के उसके जमीन से बेदखल कर दिया गया।
-उत्तर प्रदेश के झांसी में दलित समुदाय का वह लड़का जिसे कक्षा में पीछे बैठने के लिए दबाव दिया जाता है।
-बेंगलुरू में पेशेवर युवती महिला जो अपने बच्चे का दाखिला एक अच्छे स्कूल में नहीं दिला पाती।
-शिलांग के विश्वविद्यालय में सर्वाधिक अंक पाने वाला वह छात्र जिसे उपयुक्त लोगों को न जानने पर नौकरी नहीं मिलती।
-अलीगढ़ का वह किसान जिसे उसकी भूमि की उचित कीमत नहीं मिलती।
-हैदराबाद का वह कारोबारी, जिसका कोई सम्बंध न होने पर दरकिनार कर दिया जाता है।
-महाराष्ट्र के विदर्भ में वह विधवा जो अपने परिवार की त्रासदी से परेशान होकर अपना गुजारा चलाने के लिए संघर्ष कर रही है।
-समझौता करने से इंकार करने वाला वह नौकरशाह, जिसका पेशेवर भविष्य खतरे में है।
-मेट्रो के निर्माण में अपना खून और पसीना बहाने वाला वह कर्मचारी है, जिसे उसके काम का श्रेय नहीं मिलता।
-मुम्बई की झुग्गी में रहने वाला उत्तर प्रदेश के बस्ती का वह गरीब बढ़ई जो अवसर न मिलने की वजह से पढ़ाई नहीं कर सका।
राहुल ने कहा, "हम ऐसे लोगों को आम आदमी कहते हैं, लेकिन वास्तविकता में वे महत्वपूर्ण हैं। वह प्रत्येक दिन अपने जीवन से देश का निर्माण करता है, फिर भी हमारी व्यवस्था उसे प्रत्येक कदम पर कुचलती है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।