युवा विकास का अमूल्य ईंधन, भ्रष्टाचारियों को मिले सजा : राहुल (लीड-1)
कांग्रेस के 83वें महाधिवेशन को सम्बोधित करते हुए राहुल ने कहा, "गांधीजी ने पहली बार हमें एक राष्ट्र के रूप में सोचना सिखाया। आजादी के बाद हमारे नेताओं ने इसे आगे बढ़ाया और विकास की नींव रखी। आज हमारे पास युवा आबादी के रूप में अमूल्य ईंधन है। ये विकास के वाहन से जुड़ने को तैयार हैं। मौका नहीं देने पर यह ईंधन बोझ बन जाएगा।"
उन्होंने कहा कि बगैर अवसर के आजादी बेमानी है। जब तक कि इसका एहसास कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को न हो। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र कमजोर होता है तो अराजकता बढ़ती है।
राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर उन्होंने कहा, "महिलाओं की भूमिका बढ़ी है। पंचायतों में उन्हें 50 फीसदी आरक्षण मिला है। अब हम महिलाओं को संसद में 33 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी कर रहे हैं।" महाधिवेशन में मौजूद महिलाओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा, "मैं भी घबरा रहा हूं कि कहीं मुझे अमेठी से हटना न पड़े।"
पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायतों की ओर ध्यान देते हुए राहुल ने कहा, "जमीनी कार्यकर्ताओं की कितनी सुनवाई होती है? जबकि वे सरकार व संगठन की कड़ी हैं। यहां कई केंद्रीय मंत्री व राज्यों के मुख्यमंत्री बैठे हैं। मैं उनसे बस इतना कहना चाहूंगा कि वे अपने व्यस्त समय में से थोड़ा सा समय कार्यकर्ताओं के लिए भी निकालें।"
राहुल ने कहा कि आम आदमी से जुड़े बिना सरकार तरक्की नहीं कर सकती। गांधी ने पार्टी में कार्यकर्ताओं को अवसर देने पर जोर दिया।
महाधिवेशन को सम्बोधित करते हुए गांधी ने आम आदमी का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षित, कारोबारी, किसान यदि व्यवस्था से स्वयं को जोड़ नहीं पा रहे हैं तो उनकी नजर वे सभी आम आदमी हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी व्यवस्था से जुड़ नहीं पा रहा है। आम आदमी को पहचाने बगैर सरकार तरक्की नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि देश के आम आदमी में अपार क्षमताएं मौजूद हैं, लेकिन उन्हें अवसर उपलब्ध न होने से उनकी प्रतिभा और क्षमता का देश के विकास में इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी की इस ताकत को पहचानने की जरूरत है।
इसके अलावा महासचिव ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश के सर्वागीण विकास के लिए महिलाओं को अपनी भूमिका में विस्तार करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि वे विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बढ़चढ़कर हिस्सा लें।
गांधी ने कहा कि राजनीति में वह युवा हैं और उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।