सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच सर्वोत्तम : सिब्बल
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में प्रथमदृष्टया गड़बड़ी के प्रमाण दिखते हैं। इसे देखते हुए न्यायालय ने 'सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन' (सीपीआईएल) की उस याचिका को अनुमति दी, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जाने वाली जांच की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय से करने की मांग की गई है।
सिब्बल ने यहां पत्रकारों से कहा, "मुझे इस बात की खुशी है कि न्यायालय ने इस मामले की जांच वर्ष 2001 से 2008 तक करने का निर्देश दिया है।" इस निर्देश के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के समय दिए गए टेलीकॉम लाइसेंस भी जांच के दायरे में आएंगे।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जी.एस. सिंघवी और न्यायाधीश ए.के. गांगुली की पीठ ने कहा कि सीपीआईएल की याचिका में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है। उसके इस आरोप का समर्थन केंद्रीय सतर्कता आयोग और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट से भी होता है।
न्यायालय ने कहा है कि सीबीआई अपनी यह जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के समन्यव के साथ करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।