'तमिल मेयम' का स्पेक्ट्रम घोटाले से सम्बंध होने से इंकार
ज्ञात हो कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सम्बंध में बुधवार को इस संगठन के कार्यालय सहित देश भर में कुल 34 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस स्वयंसेवी संगठन की स्थापना जुलाई 2002 में की गई थी।
राज ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'तमिल मेयम' में स्पेक्ट्रम घोटाले का पैसा लगने के आरोपों की वह कड़ी निंदा करते हैं।
उन्होंने चेन्नई में अपने कार्यालय में कहा, "हमारे खाते स्पष्ट और विश्वसनीय हैं। हमें कोई डर नहीं है।"
उन्होंने कहा, "हम एक किराए के स्थान पर काम कर रहे हैं। हमारे पास स्थायी कोष की एक निश्चित राशि है जिसका इस्तेमाल हम अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने में करते हैं। 'तमिल मेयम' के पास एक किराए के कार्यालय के अलावा कुछ नहीं है. हमारे पास एक वाहन भी नहीं है।"
राज ने कहा कि उनका एनजीओ तमिल कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करता है और उसे केवल कम्पनियों के कार्यक्रमों के प्रायोजन के लिए उनसे पैसा मिलता है और यह सब हमेशा सार्वजनिक रूप से होता है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को सीबीआई का छापा पड़ने के बाद उनके समूह की विश्वसनीयता को लेकर संशय पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, "हमें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है जिसका हमें दुख है।"
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार, पूर्व संचार मंत्री ए. राजा और कनिमोझी से नजदीकी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह यह दावा नहीं कर रहे हैं कि स्पेक्ट्रम घोटाला नहीं हुआ है।
राज ने कहा, "हमें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि हमारे सम्बंध ऐसे लोगों से हैं जो राजनीति में हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।