'भाजपा की रैली से बिगड़ेगा माहौल'
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, अध्यक्ष नितिन गडकरी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली 24 दिसम्बर को आयोजित होने वाली इस रैली को सम्बोधित करेंगे।
इस रैली का आयोजन पार्टी ने यह जताने के लिए किया है कि, "जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।"
राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा छह दिसम्बर को विधानसभा में दिए गए बयान के बाद भाजपा इस रैली का आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री ने उस समय कहा था कि कश्मीर का मुद्दा अभी तक सुलझा नहीं है। उन्होंने कश्मीर के भारत में विलय पर सवाल उठाए थे।
बहरहाल, भाजपा कार्यकर्ता इस रैली को 'सफल' बनाने के लिए जुटे हुए हैं।
जम्मू में एक दुकानदार अशोक गुप्ता ने कहा, "कश्मीर विलय का मुद्दा सुलझ चुका है और भाजपा इस मुद्दे को उठाकर फिर से हवा देना चाहती है। उसे अपनी रैली के लिए किसी दूसरे दिन का चुनाव करना चाहिए था क्योंकि क्रिसमस का त्योहार होने की वजह से बहुत सारे धार्मिक श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे।"
स्थानीय लोगों ने इस बात की आशंका जताई है कि भाजपा के बड़े नेताओं के आगमन को देखते हुए उस दिन राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होंगे, जिससे आम लोगों को उस दिन काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है।
पुलिस ने पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करना शुरू कर दिए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "भाजपा की रैली के दौरान सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा जाएगा।"
राज्य में भाजपा के एक नेता ने कहा कि पहले यह रैली अक्टूबर में आयोजित की जाने वाली थी लेकिन उस तिथि को बदल दिया गया। इस नेता ने कहा, "रैली की तिथियों की घोषणा करना शीर्ष नेताओं का काम है हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।