नेपाल में विमान हादसे में 22 के मारे जाने की पुष्टि (लीड-1)
काठमांडू, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। नेपाल ने एक दिन पूर्व लापता हुए एक छोटे विमान में सवार सभी 22 लोगों के मारे जाने की पुष्टि कर दी है। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इसके टुकड़े घने जंगल में बिखर गए थे। नेपाल और भूटान ने मृतकों की पहचान और उनके अंतिम संस्कार के लिए आपात उपाय शुरू कर दिये हैं। मरने वालों में से ज्यादातर भूटान के नागरिक थे।
घरेलू विमान सेवा तारा एयर के 9एन एफएक्स डीएचसी6 विमान ने बुधवार को नेपाल के खोतांग जिले के लामिदांदा हवाईअड्डे से शाम तीन बजे उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद यह विमान लापता हो गया था। यह विमान ज्यादातर श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए उपयोग किया जाता था।
दोपहर बाद करीब तीन बजे यह विमान काठमांडू की ओर बढ़ रहा था तभी यह गौर वन से गुजरते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में चालक दल के तीन सदस्यों सहित 22 लोग सवार थे। चालक दल में नेपाली चालक अनूप शाक्या, सह चालक सचिंद्र श्रेष्ठा और विमान परिचारिका साधिक्षा गुरूंग शामिल थी।
चालक दल के सभी सदस्यों के शवों की पहचान कर ली गई है और उन्हें काठमांडू के टीचिंग अस्पताल में लाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि जंगल में बिखरे शवों को बटोरने और उन्हें राजधानी लाने में समय लगेगा।
विमान दुर्घटना सम्भवत: 9000 फुट की ऊंचाई पर हुई। विमान में सवार 19 यात्रियों की पहचान के संबंध में संशय की स्थिति रही। मीडिया में आई खबरों में 18 यात्रियों के भूटानी नागरिक होने का दावा किया गया है।
खबरों में कहा गया है कि यात्रियों के इस समूह ने विदेशियों के लिए लगने वाले ज्यादा किराए से बचने के लिए फर्जी तरीके से अपनी नागरिकता नेपाली दर्ज कराई थी।
भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मे वाई. थिनले ने गुरुवार को राजधानी थिम्पू में बुलाए गए आपात संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि काठमांडू में दक्षेस निदेशक पेमा लेथो गृह सचिव की अध्यक्षता वाले दल का सहयोग कर रहे है। भूटान की गृह सचिव की अगुवाई में आठ सदस्यीय दल गुरुवार को काठमांडू पहुंचा। यह दल शवों को भूटान ले जाने के प्रबंध करने के लिए आया है।
भूटानी अधिकारी दोपहर तक सिर्फ छह शवों की ही शिनाख्त कर पाए। यह इस वर्ष की दूसरी सबसे भीषण विमान दुर्घटना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।